Tuesday 17 January 2017

कविता. ११७७. दुनिया का हर हिस्सा कुछ।

                                   दुनिया का हर हिस्सा कुछ।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ एहसास अलगसा देता है वह हर बार हर मौके पर सोच का किनारा बदलता रहता है वह जीवन मे हर हिस्से को एहसास जुदासा देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग कहानी के जस्बात बताकर चलता है वह हर साँस मे जीवन कि आवाज बदल देता है दुनिया का हर हिस्सा किसी नये किस्से कि शुरुआत देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग तरह कि तलाश देता रहता है जो जीवन मे कई रंगों के अंदर पुकार अलग देता हुआ हर बार आगे चलता है वह जीवन को उम्मीदे देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग किनारों से कहानी को समझ अलग देकर चलता है जो दुनिया को कई एहसासों से समझ देकर जाता है हर मौके पर जीवन समझ अलग देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग दिशाए देता रहता है जो जीवन मे कई लब्जों को पुकार अलग देता रहता है दुनिया को कई दिशाओं मे समझ लेना अलग इशारा देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग रोशनी देकर चलता जाता है जिसे समझ लेना जीवन मे नये एहसासों कि परख हर मौके पर देता है जिसे समझ लेना नयी दिशाए देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग किनारे कि ताकद देकर आगे चलता है जिसे समझ लेना हर मौके कि जरुरत होता है जो जीवन मे कई एहसासों को अलग समझ देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग समझ मे दुनिया को परखकर आगे बढता है हर मौके मे जीवन के कई रंगों मे उजाले मे समझ लेना हर बार अहम नजर आता है वह जीवन मे परख देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग परख को समझ लेने का मौका हर बार देता है जीवन के हर एहसास का अंदाज जीवन मे अलग साँसों कि पहचान देता है साँसों को उम्मीद कि परख देकर चलता है।
दुनिया का हर हिस्सा कुछ अलग इशारों के साथ नये तरह कि समझ देकर जाता है हर लम्हा जीवन मे हर एहसास के अंदर अलग विश्वास हर मौके पर जिन्दा रहता है जो उम्मीदों के उजाले देकर चलता है।

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