Wednesday 18 January 2017

कविता. ११७९. हर पल मे कोई शुरुआत जरुरी होती है।

                          हर पल मे कोई शुरुआत जरुरी होती है।
हर पल मे कोई शुरुआत जरुरी होती है जो जीवन मे पलों को अंदर पहचान अलग देकर जाती है हर पल से ही तो दुनिया हर बार जिन्दा होती है जो जीवन को नया किनारा देती है।
हर पल मे कोई शुरुआत जरुरी होती है जो जीवन मे हर मौके को पुकार अलगसी देती है जो जीवन मे हर पल को एहसास जुदा देती है जिन्हे समझ लेने पर दुनिया अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई कहानी जरुरी होती है क्योंकि हर किस्से को समझ लेने कि जरुरत जीवन मे प्यास अलगसी देकर आगे बढती है जो जीवन मे हर कहानी को अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई निशानी जरुरी होती है जो जीवन मे हर हिस्से को परखकर आगे चलते जाने कि जरुरत होती है जो जीवन मे हर कदम पर दिशाए अलग दिखाती है जो हर बार अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई एहसास कि तलाश जरुरी होती है जो जीवन मे हर मोड पर कुछ अलग सौगाद का विश्वास देकर चलती है हर बार कहानी हर इशारे मे अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई पुकार हर बार जरुरी होती है जो जीवन मे कोई अलग समझ अगर पल देकर जाये तो वह बात जरुरी रहती है जो जीवन मे कई एहसासों का अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई सपना बनाने कि सोच जरुरी होती है जो जीवन मे कोई रोशनी देकर चलती है जो जीवन मे हर पल के अंदर अपने ताकद कि पुकार बनती है जो जीवन को अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई इशारा समझ लेने कि चाहत जरुरी होती है जो जीवन मे कई दिशाओं मे एहसास अलगसे देकर आगे बढती है क्योंकि हर पल के अंदर ताकद अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई सुबह का इशारा समझ लेने कि समझ जरुरी होती है जो जीवन मे आती है पर रात के अंधियारे से नफरत जरुरी नही होती है क्योंकि उसकी कहानी अलग किनारा देती है।
हर पल मे कोई एहसास कि तलाश जरुरी होती है जो जीवन मे हर मौके पर जीवन मे अलग इशारा देता है हर बार जीवन मे अलग इशारों को जीवन कि कहानी अलग किनारा देती है।

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