Sunday 1 January 2017

कविता. ११४५. हर बार उम्मीदों कि कोई अलग।

                             हर बार उम्मीदों कि कोई अलग।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग दास्तान होती है जो जीवन मे उम्मीदे देकर पहचान दे जाती है वह जीवन को कई किस्सों मे समझकर आगे चलती जाती है जो जीवन मे कई किनारों पर अलग उम्मीद दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग दिशाए बनती जाती है जो जीवन मे उम्मीदे दिखाकर पहचान अलगसी दे जाती है जो जीवन मे कई किस्सों कि सोच बदलती रहती है क्योंकि जीवन मे कई किस्सों मे वह अलग उजाला दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग पुकार बनती है जो जीवन मे कई खयालों से आगे चलती है जिसे परखकर जीवन कि दास्तान जीवन को एहसास कई किसम के देती है जो जीवन मे कई एहसासों कि समझ दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग जरूरत रहती है जो जीवन के किस्सों को आसान समझ देकर चलती रहती है उन उम्मीदों को पहचान लेने कि जरुरत जीवन को अलग उजाला देती है हर बार कई नये किनारे दिखाती है।
हर बार उम्मीदों को कोई अलग इशारे जीवन मे मिलते रहते है जो उम्मीद को ताकद हर मौके पर देकर आगे बढते है जिसे समझ लेने कि आस खयालों मे हर पल होती है जो जीवन मे इशारा देकर हर बार अलग किनारे दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग दिशा बनती है जो जीवन मे कई किरणों से आगे बढती है जो जीवन मे अलग पुकार देकर चलती है वह जीवन मे आगे चलते जाने कि सोच हर मौके पर हमे नई रोशनी अक्सर दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग समझ अलग उजाला देकर बनती है जीवन मे कई किरणों से आगे लेकर चलती है जो जीवन मे अलग सुबह दे जाती है जो जीवन मे सुबह कि अलग उम्मीद देती है जो उजाला दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि कोई अलग पुकार दुनिया मे उजाला देकर बनती है जीवन के हर किस्से को कई किनारों से समझती रहती है वह कई रंगों मे दुनिया को एहसास कई किसम के उजाले देकर अक्सर आशाए दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि अलग पहचान बनती है जो जीवन को हर लम्हा अलग विश्वास देकर चलती है उसे समझ लेने कि जरुरत रहती है जो जीवन मे आसानी से रोशनी कि राह देकर बहती है वह उम्मीद दिखाती है।
हर बार उम्मीदों कि अलग सुबह जीवन मे उजाले से बनती है जो जीवन मे हर पल को कोई एहसास देकर आगे बढती है जो जीवन मे कई कहानियों कि मिसाल बनकर आगे चलती रहती है जिसे समझकर दुनिया कई रंग दिखाती है। 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...