Friday 27 January 2017

कविता. ११९६. हर हँसी मे।

                                              हर हँसी मे।
हर हँसी मे जीवन कि उम्मीद अलगसी दिखती है हर बार हँसी कुछ कहती है तब लब पर उम्मीदों कि कहानी दिखती है जो हर साँस के संग कोई अलग निशानी देती है हर मौके पर जीवन कि आजाद कहानी को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग निशानी बनती है जो हमे हँसी देकर हर दिशाओं मे जो निशानी हर पल कोई कहानी बताती है जो जीवन मे अलग निशानी देकर हर लम्हा आगे चलती है जब जीवन मे हँसी आती है तो खुशियों को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि कोई बात अलग समझकर उस से टकराने कि ताकत रहती है जो जीवन मे हर लम्हे को उम्मीदों के इशारे देकर हर चोट से उभरकर आगे चलती है जीवन मे हर पल मे खुशियों कि सौगाद को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि खुशियाँ छुपी रहती है खिले फूलों से मुरझाये फूलों तक हर चीज मे हँसी एक अलग दुनिया भरती है जीवन को नये उजाले संग हर हिस्से मे जिन्दा करती है हँसी ही वह चीज है जो जीवन मे हर लम्हे को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग कहानी बनती रहती है हर मौके पर हर साँस मे जीवन के हर रंग के संग हँसी ही तो कई लम्हों मे हर पल रहती है जो जीवन मे कई किनारों के संग अलग दिशाओं मे आगे चलती है वह हर उम्मीद भरी सोच को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग निशानी रहती है हर दिशा मे अलग किसम कि समझ हर लम्हा खुशियों के उजाले देकर चलती है जो हर पल जीवन मे कोई अलग कहानी कहती है जो हर मौके मे कई दिशाओं के संग अलग उम्मीद को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग दिशा छुपी रहती है जो जीवन के कई किस्सों मे अलग पुकार और पहचान देकर चलती है जो जीवन मे कई रंगों कि उम्मीदे दुनिया को हर पल के साथ देकर चलती है जो हर किनारे मे सतरंगी इशारों मे दुनिया को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग पुकार होती है खुशियों के जाने कितने झरोकों से वह चुपके से निकलती है तो कभी कभी आसानी से आजादी से बारीश जैसे बरसती है पर हर हाल में उसके एहसासों से दुनिया सतरंगी बनती है नयी खुशियों को जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग कहानी होती है वह चाहे कुछ भी हो पर उसमे खुशियों कि निशानी दिखती है क्योंकि हर हँसी जीवन का वह चाँद और सूरज होती है जिसे हम थाम तो ना पाते है पर उसकी क्या जरूरत होती है जब वह धरती पर जन्नत जिन्दा करती है।
हर हँसी मे दुनिया कि अलग दिशाए होती है जो सूरज के संग हर सुबह पर खेलती है और श्याम चंदा संग रहती है हँसी तो हर कोने मे पल पल रहना चाहती है जो जीवन मे कई रंगों के अंदर हर दास्तान बनाती रहती है वह जीवन के हर रंगों को हर पल जिन्दा करती है। 

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