Saturday 7 January 2017

कविता. ११५६. हर रोज सही और गलत का एहसास।

                              हर रोज सही और गलत का एहसास।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि बदलाव तो जीवन मे कई एहसासों को समझ देकर चलता है उसमे सही गलत कि परख हर बार होती है जो मन के किसी कोने को हर बार पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि जीवन मे वह किसी मन के कोने मे होता है जो जीवन मे कई रंगों कि दुनिया हर बार मौके पर देकर चलता है जहाँ जीवन की गलत बात हर बार पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन को तो हर बार सच का पता होता है जिसे परख लेने कि जरुरत जीवन को नही होती है क्योंकि जीवन मे सच और गलत दोनों का एहसास पता होता है उसकी बजह पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि जो जीवन मे हर बार पता होता है क्योंकि जीवन मे दोनों एहसासों का पता है जीवन मे बातों का अलग एहसास जीवन मे कई एहसासों के अंदर सही बात का एहसास देता है जो जीवन मे पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन के हर खयाल को उसका पता है जो बात हमे पता है उसे दोहराने कि जरुरत नही होती है क्योंकि बातों को ध्यान से समझ लेने से जीवन खुशियाँ देता है पर जीवन को सही बात पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन को कई किस्सों मे परख लेने कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है जो जीवन मे कई एहसासों को बताती है जिन्हे परखकर दुनिया के अंदर हर बार सही बात मन को पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन को कई दिशाओं मे समझकर आगे बढते रहने कि जरुरत जीवन को अलग विश्वास देती है जिसे परख लेने कि समझ अहम नजर आती है मन को सही बात हर बार पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन को कई इशारों का विश्वास अहम लगता है जो जीवन मे सही और गलत दोनों तरह के जज्बात हर बार देता है वह हर मोड पर जीवन मे अलग बात तो होती है पर सही राह हर बार पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि मन को वह हर बार पता होता है जो जीवन मे हर किस्से को बात अलग अंदाज मे बताया करता है जो जीवन को कई किस्सों का एहसास देते है उन बातों के मतलब कि सही दिशा मन को पता होती है।
हर रोज सही और गलत का एहसास करवाना जरुरी नही होता है क्योंकि जीवन मे हर मौके का एहसास अलगसा होता है जिसे समझ लेने से हर बार किनारे कुछ अलग तरीके के देता है क्योंकि जीवन मे सही राहे मन को हर मौके पर पता होती है। 

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