Saturday, 16 January 2016

कविता ४४२. सोच की उड़ान

                                                               सोच की उड़ान
आसमान में परिंदा जब उड़ता है उसे देखकर जीवन को नया एहसास मिलता है जो हर बार परिदों को उड़ने की ताकद दे जाता है उन्हें अलग तरह का एहसास देता है
आसमान में जो उड़ान भरता है उस उड़ान की ताकद को जीवन हर बार समज लेता है उड़ान की ताकद हमारा मन भी रखता है जो हमे हर पल उम्मीद देता है
जो उड़ान भरता है वही मन जीवन को नया एहसास देता है उस सोच में जिसमे आशा बसी हो उसे जिन्दा करता है जीवन में उड़ान को मतलब दे जाता है
जीवन में मन की उड़ान हर बार अहम होती है जो जीवन के हर पल को साँसे दे जाती है उड़ान ही जीवन की बड़ी अहम चीज होती है जो जीवन को हर बार आगे ले जाती है
उड़ते रहने की जीवन को जरूरत होती है क्योंकि मन की वही उड़ान ही तो जीवन की उम्मीद होती है पर उड़ान हर बार ऊँची नहीं जाती है हम ही उसे रोक लेते है
परिदों की उड़ान उसे आगे ले जाती है उसी तरह की मन की ताकद जीवन में नई शुरुआत देती है हमें आगे ले जाती है उम्मीदे हर बार आगे ले जाती है
उड़ने की ताकद हमें मुश्किल से ही मिलती है उसे पाने की ताकद ही तो जीवन को मतलब दे जाती है जो जीवन की साँसे होती है जो हमे आगे ले जाती है
उड़ने की चाहत तो सबको होती है पर कितनो में मेहनत करने की ताकद होती है पर हम चाहे तो ही हम में वह ताकद हर बार होती है जो हमे जीवन देती है
उड़ान ही मन की चाहत होती है जो जीवन की धारा को आगे ले जाती है जीवन में हर मोड़ पर जीवन को अलग एहसास हर बार दे जाती है
उड़ान ही तो जीवन को उम्मीद दे जाती है वही तो जीवन की शुरुआत होती है जब हमारी सोच उड़ान भरती होती है वही तो जीवन की जरूरत होती है

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