Saturday 30 January 2016

कविता ४७०. लंबा जीवन

                                                लंबा जीवन
कुछ हम समझ लेते है हम और कुछ बाते समझ लेनी बाकी रह जाती है कितनी बडी है जिन्दगी जो जीवन को अलग अलग एहसास जताती है जीवन कि हर धारा कुछ तो बताती है कभी उम्मीदे दे जाती है
पर बडी लंबी है यह दुनिया जो कहाँ नजर मे आती है लंबाई दुनिया कि हमे उसे पूरी कहाँ दिखाती है दुनिया हर बार अधूरी ही दिख पाती है अफसोस तो यह होता है कि अधूरी बातों पर ही दुनिया समज लेनी पडती है
जो जीवन को अलग सोच या असर दे जाती है वही कई बाते गलती से पीछे रह जाती है जीवन को परख लेने कि जरुरत हमे अक्सर होती है इस सोच मे ही जीवन शुरुआत होती है हम चाहते है कम से कम वह सोच तो सब समज कर बनती है
पर इस लंबी दुनिया मे कहाँ वह दुनिया समज मे आ पाती है दुनिया के कुछ हिस्सों से ही दुनिया समज आ जाती है जिसे हम  परख तो नही पाते है उसके फैसले हम अक्सर करते जाते है
जिन्हे हम समझ ही नही पाये उसी राह को हम नये सिरे से बताते है पर कभी कभी हमे लगता है आधी समझ लियी उस दुनिया को हम कहाँ समझ पाते है दुनिया के रंग कई है जो हर कोने मे अलग नजर आते है
जीवन को आधा तो हम समझ चुके है पर पूरा कभी नही समझ पाते है जिस मोड पर दुनिया मतलब समझाती है उस मोड को ही बस सुन पाते है पर अनसुने कई मोड जीवन मे अहम कई बार होते है जो रोशनी दे जाते है
जीवन को समझने के लिए उन अनसुनी बातों को सुनना जरुरी है पर हम कहाँ उन्हे समझ पाते है उनके दम पर ही हम आगे चलते है उन्हे ही जीवन मे समझ पाते है जो हमे बाते बताते है बस वही बात सुनाई पडती है
जीवन कि लंबाई हर बार जरुरी लगती है लंबे लंबे किस्सों से जीवन कि कहानी आगे बढती है जीवन के हर मोड पर जीवन कि कहानी बनती है लंबे जीवन मे जीवन कि कहानी बदलती रहती है
जीवन लंबा जब बन जाये जीवन कि कहानी बदलती रहती है जीवन को समज लेने कि जरुरत हर बार होती है जीवन कि लंबाई को समज लेने पर भी उसकी कहानी समज नही आती है जीवन कि हर निशानी जीवन मे बनती है
पर कितना भी चाहे मन से पर जीवन कि कहानी तभी पूरी होती है जब हम सिर्फ सुनी कहानी से जीवन कि कहानी बनाते है और सिर्फ उस सोच के सहारे जीवन कि कहानी हर मोड पर हर पल बनती है

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