Wednesday 27 January 2016

कविता ४६५. जीवन को समज ले तो

                                                          जीवन को समज ले तो
अगर जीवन को समज ले तो सुबह जरूर होती है जीवन की हर धारा में अलग सोच ताकद देती है जीवन की सुबह ही जीवन को अलग एहसास हर बार देती है
जीवन को समज लो तो उस सोच में ही सच्ची ताकद होती है जीवन की सच्चाई नई शुरुआत होती है जो जीवन को नया एहसास और मतलब दे जाती है
सोच ही जीवन की नई शुरुआत है जो हमें आगे ले जाती है उसे हर कदम समज लेने से ही तो जीवन की नई सुबह होती है पर यह तो हम पर है की उस सुबह को पाने के लिए हमारी कितनी मेहनत होती है
जीवन की हर सुबह हमारे लिए अहम और जरुरी होती है सुबह के अलग अलग रंग जीवन को नई उम्मीद देते है उनकी सुबह जीवन पर नई राह देती है
सोच के अंदर नई राह हमेशा अलग अलग एहसास जीवन में हर रोज देती है सोच में ही जीवन की अलग ताकद ही हर मोड़ पर नई शुरुआत से जीवन को आगे ले जाती है
जीवन को समज ले तो जीवन के हर मोड़ पर अलग एहसास हर बार रोशनी दे जाते है क्योंकि जीवन की रोशनी हर बार मतलब तो हमारे दुनिया को दे जाती है
जीवन की धारा को समज लेने की हर पल में शुरुआत होती है जीवन को समज लेना ही तो आगे जाने की ताकद हर मोड़ पर हर बार होती है
जीवन को परख लेना ही तो जीवन की नई पेहचान होती है जो जीवन को हर बार आगे ले जाती है जीवन को समज लेना ही तो उसे आगे ले जाने का एहसास देती है
पर अजीब बात तो यह है के कोई नहीं जानता कब हमारे जीवन की नई शुरुआत होती है क्योंकि वह शुरुआत तो हमारे लिए अलग अलग एहसास हर बार देती है
जीवन के एहसासो को परख लेने की चाहत मन मे हर मोड़ पर होती है जो हमे जीवन में हर मोड़ पर आगे ले जाती है जीवन की नई शुरुआत देती है 

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