Thursday, 21 January 2016

कविता ४५२. सोच ही जीवन की धारा होती है

                                                          सोच ही जीवन की धारा होती है
जब जब सोचा हमने जीवन को नई आवाज मिली है जब जीवन की धारा को परखा जीवन को नई शुरुआत मिली है जीवन तो बहता रहता है
पर जब सही सोच आती है तो उसे आवाज मिली है सही सोच में ही जीवन की खुशियाँ बसी है जब जब हम आगे बढ़ जाये जीवन को नई सोच मिली है
जीवन की हर परभाषा में जीवन को नये एहसास की एक तलाश मिली है जिसे परख लेने पर जीवन को नई आवाज मिली है पर मुश्किल तो यह है
हर बार कहाँ हमें जीवन में नई सोच मिली है सन्नाटे में कभी कभी हमने वही आवाज सुनी है जो जीवन की धारा के संग ताकद बन कर हर बार चली है
जिसे परख लेते है तो जीवन में नई उम्मीद खिली है जीवन के हर एक कदम पे जीवन की हर राह मिलती है जो जीवन को नई दिशा दे जाती है
जीवन को समज लेते है तो सोच के अंदर नई ताकद मिलती है सोच ही जीवन की उम्मीद बनती है सही सोच ही जीवन को अलग मतलब दे जाती है
सोच के अंदर तरीके तो अलग अलग हर बार होते है जो जीवन को अलग दिशा दे जाते है जीवन की धारा को अलग सोच मिल जाती है
जब हमारी सोच सही होती है हमारे जीवन को दिशा अलगसी होती है जीवन के अंदर ही नई उम्मीद हर बार जिन्दा हो जाती है
जब हम आगे बढ़ते है जीवन की भाषा बदल जाती है जो हमें अक्सर रोशनी दे कर उम्मीद देती है सोच ही हमारी ताकद और जीवन हमारी उम्मीद होती है
जीवन की धारा हर पल हमे आगे ले जाती है रोशनी देती है जिसे परख लेने से जीवन की सुबह हमेशा हर बार मतलब दे जाती है 

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