Tuesday 26 January 2016

कविता ४६३. सही समज

                                                                     सही समझ
हम जब समझ लेते है जो एहसास जीवन को हर बार नई पेहचान देता है जिसे समझ लेना जीवन पे अलग असर हर मोड़ पर देता है जीवन में प्यारे एहसास की जरूरत हर बार होती है
समझ लेते है तो जीवन को नई शुरुआत तो दिखती है पर कहाँ परख पाते है हम उस सोच को जो जीवन को मतलब देती है समझ हर बार जरुरी होती है जो रोशनी देती है
समझ लेना तो जरुरी है क्योंकि समझदारी भी कभी कभी एक सही एहसास होती है जो जीवन को कभी आगे ले जाती है क्योंकि उसकी जरूरत भी अक्सर होती है
पर जाने क्यूँ हमे उसकी उम्मीद अक्सर दूसरे से होती है दूसरे इन्सान के अंदर समझदारी चाहते है पर खुद सोच से कतराने की मनको एक बड़ी अजीब आदत होती है
जीवन में जिसे समझ ले वही समझ हमें पसंद आती है पर जब दूसरे की समझ चूभ जाये तो जीवन की धारा हर पल रंग बदलती है जीवन में फर्क ले आती है
अपनी समझ पर सबको विश्वास तो होता है पर दूसरे की सोच को सुनने में क्या गुनाह होता है क्योंकि वह सोच भी तो जीवन पर अक्सर कुछ ना कुछ असर तो जरूर कर जाती है
समझ लेना जीवन को नई शुरुआत होती है क्योंकि समझ ही जीवन को नई रोशनी दे जाती है पर समझ तो जो जीवन को हर बार रोशनी दे जाती है आगे ले जाती है
जीवन में हर बार उम्मीद ही तो आगे बढ़ने की राह बताती है पर कभी कभी जीवन को नयी शुरुआत दूसरों की बाते सुनने पर ही मिल जाती है  जीवन की राहे समझदारी की अहमियत बताती है
पर हर बार हम कहाँ समझ सकते है दूसरे को खास कर उनको जिनकी समझ दूसरे की तबाही को सही बताती है जिसे आगे ले जाती है वह समझ सही नजर नहीं आती है
जीवन को समझ ले तो दुनिया अलग एहसास बताती है दूसरे को समझ लेने की समझ सिर्फ तभी सही होती है जब वह हमें सबको समान समझ लेने की बात बताती है 

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