Monday, 18 January 2016

कविता ४४७. समुंदर के अंदर

                                                              समुंदर के अंदर
हर बार समुंदर के अंदर कुछ तो एहसास जीवन को मतलब दे जाते है समुंदर में पानी छू जाता है उसका एहसास जीवन में नई शुरुआत लाता है
समुंदर में पानी हर बार एक नई याद लाता है जीवन में हर बार पानी जब हमे छूता है जीवन की धारा का एहसास जीवन को बदल देता है
पानी अपने साथ प्यारी यादे दे जाता है हर बार जीवन में कुछ ना कुछ एहसास हमारी प्यारी यादे जीवन में नयी सोच दे जाती है पानी के अंदर यादे हर बार जिन्दा होती है
समुंदर के साथ हर वक्त की याद छुपी होती है पर पानी के अंदर यादे असर कर जाती है क्योंकि पानी में ही हर मोड़ में हमारी जिन्दगी चुपके से गुजर जाती है
कभी पानी में खड़े रहते है और किनारे से उसे देख लेने में हमारी जिन्दगी गुजर जाती है पानी की धारा ही तो जीवन को मतलब दे जाती है
उसे परख लेते है तो उसमे हम अपनी खुशियाँ दे जाते है पानी के अंदर हम सोच रख देते है इसलिए तो पानी को समज लेने की जीवन में जरूरत पड़ती है
समुंदर के साथ जीवन को अलग एहसास दे जाती है समुंदर में ही तो जीवन की सच्चाई हर बार बसी होती है समुंदर में ही जीवन की रोशनी धीरे से छुपने लगती है
जिसे समज लेने की हमारे दिल को हर बार जरूरत होती है समुंदर से भी उन यादों की परछाई मिलती है जो जीवन में खुशियाँ देती है
जीवन की जरूरत तो वही परछाई होती है जो पानी में अपने यादों संग हर बार उतर जाती है पानी में रहने से ही तो जीवन की शुरुआत  होती है
जो जीवन को उम्मीद देती है पानी में ही हर पल जिन्दा रहने की उम्मीद होती है जो जीवन को हर बार ताकद देती है जो जीवन की जरूरत होती है
पानी के अंदर यादें होती है जो जीवन को नया एहसास देती है पानी के भीतर सिर्फ उसे उम्मीदे दिखती है जो जीवन को सही दिशा दिखाती है 

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