Monday 25 January 2016

कविता ४६१. हर चीज को समज लेना

                                                         हर चीज को समज लेना
जो चीजे जीवन में अलग एहसास देती है वह चीजे ही अक्सर पहले डरा देती है क्योंकि हर बार उन चीजों की जीवन में जरूरत मेहसूस तो होती है पर अनजान चीज से मन की दुनिया कापती है
हर चीज में अलग अलग मतलब हर बार रोशनी देते है जिनके अंदर जीवन में चीजों के अलग अलग एहसास दुनिया देती है चीजों के अंदर नई शुरुआत होती है
चीजे हर छोर पे अलग बाते रखती है उन चीजों को परख लेने में ही हमारी जिन्दगी अक्सर गुजर जाती है चीजे हर रोज जीवन में अलग एहसास देती है
उन्हें परख लेना ही मुश्किल बन जाता है जो जीवन की धारा को अलग असर तो दे ही जाता है चीजे समज लेने की हर बार जरूरत होती है जो हमें आगे ले जाती है
चीजों के अंदर  अलग सोच हमे उन्हें बार बार देखने की उम्मीद देती है जीवन में हर मोड़ पर चीजे जो बदल जाती है उन्हें परख लेने की जरूरत हर बार होती है हर बात में होती है
पर कई चीजों  की अक्सर हमे जरूरत नहीं होती है पर हम उन्हें अपने पास रखते है क्योंकि गलत चीज खरीद लेने की गलती मानने की हमारे मन को इजाजत नहीं होती है
हम समझ लेते है हर बात को लेकिन उन्हें परख लेने की हमारे अंदर ताकद नहीं होती है क्योंकि दुनिया में हर चीज को समझ लेने की हर मोड़ पर जरूरत होती है
हर चीज दुनिया में कुछ ना कुछ असर जरूर देती है चीजों को समझ लेने की दुनिया में जरूरत होती है पर कई बार चीजे जीवन में अलग मतलब देती है
चीजे तो वह होती है जिन्हे समझ लेने की दुनिया में जरूरत होती है तो चीजों को समझ ले तो ही दुनिया खूबसूरत होती है जो रोशनी देती है
चीजे परख लेना हर बार अहम होता है जो जीवन को हर बार कुछ ना कुछ असर जरूर करता है चीजे समझ लेना जीवन के हर मोड़ पर अहम हमेशा होता है
चीजे हर बार जीवन को मतलब दे जाती है चीजों को समझना यह बात हर बार हर मोड़ पर अक्सर अहम और जरुरी जीवन में हर बार लगती है 

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