Sunday 24 January 2016

कविता ४५९. गमों का जीवन पर असर

                                                         गमों का जीवन पर असर
हर मोड़ पर जीवन के अंदर अलग अलग एहसास होते है जो जीवन को हर मोड़ पर कुछ आस देते है जीवन को समझ लेने कोशिश ही तो जीवन बन जाती है जो जीवन की कश्ती को बदल जाती है
जीवन की हर राह में उसे समझ लेने की जरूरत होती है जीवन की सारी खुशियाँ हमे ज्यादा भाति तो है जीवन के भीतर दुनिया अलग एहसास हर मोड़ पर देती है
पर जब हम चाहे बस एक हिस्से को दुनिया बदलती है दुनिया हमे हर मोड़ पर नई उम्मीदें देती है जीवन के सात रंगों में जीवन हर बार अलगसा लगता है जीवन में कुछ खुशियाँ छुपी होती है
पर गम से जो भाग खड़ा हो उसे कहाँ खुशियाँ नसीब होती है उस इन्सान की दुनिया बस गमों  में ही सिमट के रह जाती है ग़मो से ही जीवन की शुरुआत होती है
खुशियाँ और गम दोनों में जीवन की हर राह होती है जो जीवन को दुनिया की हर ताकद दे जाती है जीवन के अंदर अलग राह उन दोनों से बनती है
अगर जीवन को अच्छे से जीना हो तो उसमे खुशियाँ भी आती है जो जीवन की धारा को मतलब तो देती है पर बिना मेहनत के कहाँ वह मजबूत बन पाती है
जीवन की धारा संग ही तो दुनिया चलती है जो खुशियाँ लाती है जीवन के हर मोड़ पर हमें जीवन को समज लेने की जरूरत हर बार नजर आती है अहम होती है
जीवन में कई मोड़ तो होते है जिनमे जीवन की दुनिया बनती है पर हर बार आसान तरीके से दुनिया नहीं बनती है गम और खुशियों की अलग अलग सोच जीवन पर असर कर जाती है
दोनों ख़याल जीवन में आगे ले जाते है गम और खुशियाँ दोनों को हम हर बार समझ तो लेते है जिनमे जीवन की नई शुरुआत होती है
जिन्हे समझ ले तो जीवन में कुछ बात बनती है जो गमों से कतराए है उनके लिए सिर्फ गमों की रात ही होती है जो जीवन को उम्मीदों का एहसास होता है गमों का जीवन पर सही असर होता है 

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