Sunday 1 May 2016

कविता ६५४. सही सोच

                                                   सही सोच
जब वह बात समझ आती है ऐसा लगता है बिना बरसात ही पानी कि प्यास बूझ जाती है पर वह बात कहाँ मुमकिन होती है क्योंकि जीवन मे हर पल सही बात नही होती है
जीवन को समझकर आगे जाने मे कई बार दुनिया कि बात बदल जाती है क्योंकि जीवन कि कोई दिशा बदलकर हमारी कहानी बदल जाती है
 उम्मीद की तलाश हर पल हमे होती है जिसे समझकर आगे जाने कि हर मोड को एक अलग तरह चाहत होती ही है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है
अगर हम जीवन कि बात समझ पाते तो जीवन को समझकर आगे बढने कि आदत होती है जिसमे खुशियाँ समझ लेना हर पल जरुरी होता है
पर उतनी प्यारी सोच नही मिल पाती है जो मुश्किल मे जीवन कि रोशनी बनकर आगे चलती जाती है हमे उम्मीदे देकर ही तो जीवन का मतलब समझाती है
सोच तो बस वही सही है जो दुनिया को आगे लेकर जाती है जिसे परख लेने कि हमे जरुरत हर पल होती है पर वह सोच कुछ खास अहम होती है
सही सोच ही तो जीवन कि रोशनी होती है पर सही सोच जीवन को आगे लेकर हर बार ले जाती है उसे समझकर आगे चलने कि हर राह को जरुरत होती है
जीवन मे हर एहसास को मेहसूस करने कि जरुरत जीवन को हर मोड पर होती है जिसमे ही हमारी दुनिया हर पल जिन्दा रहती है जो हम पर अलग असर कर जाती है
उस सोच मे ही तो जीवन कि ताकद हर बार नजर आती है जिसे परखकर आगे चलने कि जरुरत हर मोड को सुंदर बनाकर जाती है
उस चाहत कि हमे हर पल हर मोड पर जरुरत होती है जिसे परखकर आगे जाने कि जीवन मे हमे हर पल जरुरत होती है जिसका आगे जाना ही हमारी सही किस्मत होती है

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