Tuesday 17 May 2016

कविता ६८७. बादलों को देखकर

                                                 बादलों को देखकर
बादलों को देखकर आसमान मे उम्मीदे नजर आती है जो जीवन कि धारा को हर पल बदलकर जाती है आसमान मे उम्मीदे दे जाती है
पर आसमान मे उडते परिंदो मे जो जान हमे दिखती है सच बोल देते है हमारे मन से तो वह जिन्दा हो जाती है नई रोशनी दे जाती है
बादलों मे उडते हुए मन कि उडान सच्चाई के पंखों से सही नजर आती है जो जीवन को परखकर आगे लेकर जाती है
आसमान मे ही तो हमारी दुनिया हवाओं के रंग देकर आगे बढती है जिन्हे समझकर आगे जाने कि जरुरत हर पल होती है
आसमान के रंगों मे ही तो हमे आजादी की प्यास नजर आती है और बाकी चीजों से ज्यादा अहम हमे हमारे जीवन कि आवाज नजर आती है
आसमान मे जीवन कि धारा ही तो हमे ताकद दे जाती है मतलब देकर वह हर पल आगे निकल जाती हुई हर मोड पर अक्सर नजर आती है
उंची उडान ही तो जीवन मे एक बात होती है जो हमे सीखाती है सिर्फ नीले आसमान के अंदर दुनिया जीवन के कई रंग दिखाती है
जीवन कि साँसे हमे आगे लेकर जाती है जो हमारी दुनिया कि खुशियाँ देकर हमे आगे ले जाने का एहसास दे जाती है
दुनिया को हर पल समझकर जीवन कि एक कहानी बदलकर रख देती है ऐसी आजादी मिलती है जब यह बात समझ आती है कि हमारी खुशियाँ आसानी से मिल पाती है
जीवन मे आसमान मे बादलों को समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत हर पल नजर आती है जो हमारी दुनिया को सच्ची ताकद दे जाती है

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