Friday 6 May 2016

कविता ६६४. हर पल जीवन को समझकर

                                          हर पल जीवन को समझकर
हर पल जीवन को समझकर चलने कि जरुरत होती है पर किसी पल के अंदर दुनिया कि किस्मत होती है मन को उस पल कि हर पल अक्सर तलाश रहती है
पल को समझकर जीवन को आगे ले जाने कि जरुरत हर मोड पर होती है किसी पल के अंदर दुनिया है छुपी हुई हमारी  उसे समझ लेने कि अहमियत होती है
जब जब पल बदलते रहते है उन्हे परख लेने कि जरुरत होती है क्योंकि हर पल मे जीवन के एहसास कि जरुरत हर बार अक्सर होती ही है जो जीवन को रोशनी देकर चलती है
पल के अंदर दुनिया को परखकर जीवन कि धारा कुछ नया रंग जीवन को दे जाती है पल तो बदलते जाते है जिनमे दुनिया अक्सर रंग बदलती रहती है
पल को जो परख लेना चाहे उस इन्सान मे अलग तरह कि ताकद रहती है जब हम जीवन मे आगे बढते है दुनिया खुबसूरत लगती है पल के अंदर अलग ताकद रहती है
पल मे ही जीवन कि धारा बदलती रहती है पल के अंदर ही दुनिया कि कोई खास ताकद किसी खयाल मे खुशियाँ बन के छुपी रहती है नई रोशनी देती है
पल के बाद पल जाते रहते है जिनमे जीवन कि खुशियाँ रहती है जिनकी हमे हर पल हर मोड पर जरुरत हर बार रोशनी देकर चलती है
पल को समझकर जीवन कि दिशाए बदल जाती है पर कितना वक्त गवाये किस पल पर हम यह बात को बस किस्मत ही तय कर सकती है
पल हर बार जीवन को समझाने कि कोशिश मे चलते रहते है उन पलों के अंदर ही तो हर दम दुनिया जिन्दा रहती है जो जीवन पर असर कर जाती है
पल के अंदर दुनिया कि अलग सोच कि किस्मत बनती है जिसे समझकर दुनिया को मतलब देकर ही हम आगे चलते जाते है
जिस पल को समझ लेने कि जरुरत होती है सबसे ज्यादा तो पल को जीवन मे समझ लेने कि जरुरत हर दम हर मोड पर होती है 

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