Wednesday, 4 May 2016

कविता ६६०. किसी नई बात को

                                                 किसी नई बात को
किसी नई बात को समझकर ही तो जीवन कि शुरुआत  होती है जो दुनिया मतलब देती हो ऐसी बात होती है जो दुनिया कि नई बात बन के खुशियाँ दे जाती है
नई मौसम कि शुरुआत जीवन को अलग एहसास दे जाती है मौसम को उम्मीदे दे जाने कि सोच हमारी ताकद बनकर आगे चलती है
मत रोकना उस सोच को जिसमे दुनिया रहती है नई शुरुआत हर बार मन को ताकद देकर हर मोड पर चुपके से हमारी दुनिया को आगे ले चलती है
नई बात कि दिशा हमारी ताकद होती है क्योकि वही तो हमारे साँसों कि सौगाद बन के हमे खुशियाँ देकर आगे बढती रहती है
नई बात कि शुरुआत हमारी वह सुबह है जो हमारी रात को हर बार बडी खुबसूरत बना देती है क्योकि सुबह के होने से रात बुरी नही लगती है
कोई नई आहट हमारे जीवन का एहसास कुछ ऐसे बदलती है कि जीवन कि कहानी सतरंगों का सिंगार बन के बादल से झलक जाती है
नई बात को उम्मीदे तो हर मोड पर परख लेती है जैसे उम्मीदे उनकी साँसे है और बिना साँसों के जीवन कि खुशियाँ नही बन पाती है
नई चीजों को समझकर जीवन कि शुरुआत होती है क्योकि नई चीजे हर पल हमे सुबह कि शुरुआत नही देती है नई बात को समझ लेेने कि जरुरत हर बार होती है
नई बात को समझकर आगे बढने कि जरुरत हर मोड को हर पल मे हर बार रहती है उसे समझकर आगे चलना ही हर बार अहम बात जीवन मे लगती है
अक्सर नई चीज ही हमारी दुनिया को नई शुरुआत देती है क्योकि नई चीजे ही जीवन कि ताकद बनती है जो खुशियाँ देती है नई चीजे हमे आगे ले चलती है

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