Wednesday 4 May 2016

कविता ६६१. किसी बात को समझ लेना

                                             किसी बात को समझ लेना
किसी बात को समझ लेेने कि चाहत हमे किसी ताकद कि ओर हर बार लेकर जाती है जिसे समझ लेेने कि अहमियत उसकी ताकद से ही तो समझ आती है
क्योकि कुछ बातों मे अलग किसम कि ताकद होती है जो जीवन को मतलब देकर आगे बढती रहती है किसे समझ लेेने कि हर बार  हर पल जरूरत होती है
बातों को समझकर आगे जाने कि जरुरत हर मोड पर होती ही है जो चुपके से हमे आगे लेकर चलती जाती है क्योकि बातों मे अलग मतलब लिखे होते है
ताकद ही तो जीवन कि खुशियों मे होती है जीवन मे ताकद ही अहम चीज होती है जो दुनिया को अलग मतलब और एहसास दे जाते है
किसी बात को समझ लेेने कि जरुरत हर बार होती है बात को परखकर आगे जाना ही तो जीवन कि अहम ताकद होती है जो हमे आगे ले जाती है
क्योकि उस पल कोई बात जो हम समझ लेते है वह बडी खास नजर आती है जब वह हमारी दुनिया बदलकर आगे बढती चली जाती है ताकद बन पाती है
किसी बात कि ताकद को जब हम समझ लेते है दुनिया मे उसे समझकर हम आगे चलते जाते है जो हमारी दुनिया को उम्मीदे और ताकद दे जाते है
पर कुछ बातों मे तो जीवन कि सही बात नही होती है उन्हे समझ लेेने कि जरुरत जीवन मे अक्सर होती है इसलिए तो दुनिया मुसीबत होती है
बातों को समझ लेना ही जीवन कि जरुरत होती है पर कभी कभी बात ही तो हमारे जीवन कि मुसीबत होती है पर फिर आदत ही हमारी मुसीबत होती है
कभी कभी हर बार सही बात सही नही नजर आती है कभी कभी वक्त के साथ बात बदल जाती है उस बदलाव को समझ लेना ही जीवन कि अहम जरुरत होती है

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