Thursday, 26 May 2016

कविता ७०५. छोटेसे तालाब का जीवन

                                           छोटेसे तालाब का जीवन
छोटेसे तालाब मे जीवन को आगे ले जाने कि समझ नजर आती है जो जीवन को हर मोड पर रोशनी कि आवाज देकर आगे लेकर जाती है
जीवन कि कई मोडों पर आगे बढने कि जरुरत हर पल नजर आती है जिसे समझ लेने से ही तो दुनिया कि सारी खुशियाँ मिल पाती है
छोटीसी दुनिया तो तालाब के अंदर रहती है वह हर पल जीवन कि दिशाए बदलती जाती है जो जीवन को रोशनी देकर आगे बढने कि सीख दे जाती है
छोटीसी मछली भी जीवन मे कई किसम के रंग दे जाती है जो जीवन कि धारा को  बदलकर जीवन कि दिशाए बदलती जाती है
तालाब के घुमते वक्त दुनिया कई रंग दे जाती है जो तालाब मे ही दुनिया को समझकर उसके अंदर अलग तरह का एहसास देकर जाती है
तालाब मे ही तो अक्सर दुनिया जिन्दा रहती है जो हर पल हर मोड पर जीवन कि कहानी बदल देती है जो हमे रोशनी दे जाती है
तालाब को जीवन को कई तरह से जी लेने का एहसास कई तरह से मिल जाता है जिसे जीवन हर पल हर बार समझ लेना चाहता है
तालाब मे रहनेवाले कई छोटेसे जीवों से दुनिया को हर पल समझ लेने कि जरुरत हर पल होती है जो दुनिया बदल देती है
तालाब के अंदर अलग सोच को परखकर जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर पल होती ही है जो जीवन को रोशनी दे जाती है
तालाब मे रहने कि उनकि वह जिद्द जीवन मे लढना सीखाती है कितनी उलझन हो लेकिन छोटीसी मछली अपनी जान नही देती है

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