Saturday, 21 May 2016

कविता ६९५. किसी आवाज से

                                               किसी आवाज से
किसी आवाज से क्या डरना जब आपका एहसास है जब हमे पता है राह तो मुश्किल है पर क्या डरना जब खुदा हमारे साथ है
जिस राह पर काटे ना हो ताने ना हो वह राह खुदा कि नही होती है लोग कहते तो है वह मानते भी है उसको पर सचमुच मे ऐसा होता नही है
वह आवाज जिसे सुनके जीवन कि सही राह मिल जाये उसकी तलाश जीवन मे अक्सर काफी नही होती है
जब हम आगे बढते जाते है तब जीवन कि दिशाए बदल जाती हुई नजर आती है तो आवाज कि ताकद एहसास अलग देती है
हमे जीवन कि आवाज परखकर ही तो दुनिया समझ लेनी है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर कदम पर होती है
जिसकी दिशाए बदलकर ही तो जीवन कि कहानी हर मौके पर हर पल बदलकर दुनिया कि दिशाए बदल देनी होती है
किसी आवाज को अलग पेहचान कर जीवन को अलग तरीके से समझ लेने कि जरुरत हर पल जीवन मे होती रहती है
हमे उस आवाज को परख लेने कि जरुरत तो हर बार होती ही है पर कभी दुनिया अपने एहसास से ही कहानी बदल लेती है
आवाज को समझकर आगे जाने कि कहानी हर पल जीवन कि दिशाए बदल देती है जीवन के इशारे बदल लेती है
आवाज कि ताकद ही तो जीवन कि दिशाए बदल देती है जिसमे हर पल हमे जीवन कि सच्ची दुवाए नसीब होती है  ाााा

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