Wednesday 25 May 2016

कविता ७०२. हर कदम

                                                    हर कदम
हर कदम पर जीवन को एक अलग कहानी नजर आती है क्योंकि जीवन के हर राह पर वह अलग निकल आती है जो जीवन को बदल जाती है
कदमों मे ही तो दुनिया छुपी होती है उनमे ही तो जीवन कि खुशियाँ छुपी होती है हर कदम हमारी दुनिया खडी होती है जो कई रंग देती है
हर कदम को समझकर आगे बढने कि आदत होती है जो दुनिया बदलकर चलती है दुनिया कि दिशाए बदलकर हर पल चलती है
कदमों कि सौगाद हर बार हर पल उम्मीद देकर ही आगे बढती है जो दिशाए बदल जाती है जीवन कि राहे तो कदमों से ही तो बनती और बिघडती है
कदम ही तो हमे साथ देकर आगे लेकर जाते है जो जीवन को समझकर चुपके से आगे निकल आती है आगे लेकर जाती है
कदमों को समझकर जीवन मे आगे जाने कि जरुरत होती है जीवन मे अक्सर एक ताकद छुपी होती है जो जीवन को बदल जाती है
कदम को पेहचान लेकर जब हम आगे जाते है तभी तो दुनिया बनती और बिघडती हर पल नजर आती है जो जीवन पर असर कर जाती है
कदम मे ही तो दुनिया कि अलग ताकद छुपी होती है जो हमे उम्मीदे देकर आगे चली जाती है हमे हर पल आगे लेकर जाती है
हर कदम पर जीवन कि कोई तो कोशिश छुपी रहती है जिसमे आगे बढने कि आदत होती है जो जीवन को समझकर आगे चलने कि आदत हर पल होती है
कदम ही तो जीवन कि सच्ची ताकद छुपी होती है जो हमे आगे लेकर जाती है दुनिया हर पल बदलकर रख देती है
कदमों को समझकर आगे जाने कि फुरसत कहाँ होती है जीवन मे तो बस आगे बढने कि जरुरत हर पल होती है

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