Sunday, 29 May 2016

कविता ७१०. गलत और सही चीजों को परख लेना

                                   गलत और सही चीजों को परख लेना
गलत और सही चीजों को परख लेने कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है क्योंकि कई चीजों को समझ लेने यही जीवन कि मुश्किल हर मोड पर रहती है
जीवन मे कई तरह कि सोच रहती है जिसकी समझ जीवन मे रखना जीवन कि जरुरत होती है पर उसे परख लेने मे जीवन मे बडी मुश्किल होती है
क्योंकि उसे समझकर ही तो अपनी दुनिया खुबसूरत होती है पर कभी कभी उसे परखकर भी दुनिया मुश्किल बन जाती है
पर हमारे जीवन मे हर पल सही गलत कि पेहचान होती है जो रोशनी देकर जाती है जो उम्मीदों कि नई सुबह दे जाती है सही और गलत के मतलब से ही आगे बढना चाहती है
जीवन मे सही गलत दोनों तरह के खयालों कि एक अलग पेहचान होती है जो जीवन को हर बार अलगसी सोच देकर बढ जाती है
सही और गलत बात को समझकर जीवन आगे बढ जाता है जीवन कि हर धारा को हर पग पर समझ लेना चाहता है उम्मीद देकर जाता है
गलत और सही दोनों राहों को समझ लेना जीवन कि जरुरत होता है जो रोशनी और अंधियारे से जीवन को समझ लेना चाहते है
बातों को तो हर पल समझ लेना जरुरी होता है पर सही को समझ ले या ना समझे यह फैसला तो हर पल अपने मन का ही होता है
गलत और सही फैसले को समझकर जीवन को परखकर आगे चलने कि जरुरत हर बार होती ही है पर कई बार सच को दुनिया समझ लेना नही चाहती है
हमे जीवन मे बाते हर बार समझ लेनी पडती ही है पर सच्चाई का मतलब तो बस यही है दुनिया साथ दे या ना दे सच्चाई कि राह तो हमे चलनी ही है

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