Wednesday, 22 July 2015

कविता ८८. गीत के अल्फ़ाज़

                                                                 गीत के अल्फ़ाज़
हर गाने में कोई मिठास भरी हुई है प्यारी सोच जो मन को छू जाते है हर गाने में हम नयी दुनिया और नयी सोच पाते है
हर गाने  के अल्फाजों में नयी उम्मीद लाते है उन अल्फाजोंके भीतर अगर भर लो तो हम पर वह असर करते है पर हर अल्फाज को धीरे धीरे से हम समजते है
पर हम कुछ गानों के अंदर नयी नयी उम्मीद दुनिया को देती है हर गाने में हम नयी सोच पाते है जब जब हम उस गाने को हम सुनते है
कभी कभी हम यही नहीं समज पाते है की सोच के भी कई असर मन पर भी होते है पर जब हम दुनिया को समजते है
गाने की मिठास हर पल मन को छू लेती है  जब जब वह मिठास दुनिया बदल देती है जब जब वह मिठास मन को छूती है
वह प्यारी संगीत की जीत होती है हर गाने को समजना बड़ा जरुरी है पर हर बार सही गीत सुने यह जरुरी है पर हम तो चाहते है
अलग अलग गीतो में ताकद होती है पर सही गीत को समजना जरुरी है कई किसम के गाने सुनना हमारे जीवन में होता जरुरी है
गीत के अंदर कई प्यारी और गलत अल्फाज मन को छू लेते है गीतों में तरह तरह की दुनिया होती है पर सब गीतों में नयी सोच दिखती है
पर फिर भी जाने क्यों दुःख भरे गीत भी मन को भा जाते है हम उन गीतों के साथ नयी उम्मीद देते है और गीत जो हमें ख़ुशी देते है
पर कभी कभी हम ख़ुशी के साथ गलत गीत भी हम पर असर करते है पर फिर भी जाने क्यों हम दुःख भरे गीत सुनकर भी रोना पसंद करते है  

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