Tuesday, 28 July 2015

कविता १००. जीवन में असर कर जाती है

                                                     जीवन में असर कर जाती है
सोचो तो जीवन में बस हर बार सुबह होगी चाहो तो जीवन में हर बार नयी सोच जिन्दा होगी  अगर जीवन में तरह तरह के असर होगे तो ही जीवन में अच्छी खुशियाँ होगी
नयी नयी सोच जो मन पर अच्छा असर करती है हम यही सोच जिस पर कोई ना कोई प्यारासा असर करती है पर जीवन को अजीब असर कर देती है
सारे तरह के असर जो अजीब है वह भी प्यारे असर कर देती हर जीवन हमें लगता है वह अजीब चीज़ है जो जीवन पर असर कर देती
अचानक नयी सोच जो जीवन पर असर कर देती हर सोच के अंदर नयी तरह उम्मीद हमें दिखती है जब जब हम आगे बढ़ जाते है उम्मीद उसे दे देती
हर बार जब जब हम आगे बढ़ जाते है उम्मीदों में नयी शुरुवात कर देती है सारी सोच जिसके अंदर नये नये ख़याल लाती है
जब जब हम आगे चलते है हर बार हमें वह समजाती है सोच के अंदर रोज रोज जो अच्छे खयाल हम लाते है सारी सोच जो मन पर असर देती है
पर उसी सोच के अंदर नये ख़याल अगर मन में लाती है और मन के  भीतर कोई तो असर वह कर जाती है जीवन में ऐसा उज्जियारा लाती है
जब जब मन के हम सोचे उम्मीद ही कोई ना कोई असर दिखलाती है तब जब हम आगे बढ़ जाते है उम्मीदों के सहारे ही दुनिया बहार लाती है
जीवन के अंदर जो सोच हम पर असर कर जाती है वही असर आगे जाकर जीवन में उम्मीदों के कई किनारे दे जाती है
जीवन तो सोच पर निर्भर है वह हर बार राह दिखाती  है उम्मीदों के सहारे जीनेवालो को ही अच्छा पल हासिल हो जाता है ho

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