Monday 3 October 2016

कविता. ९६५. मन को कई।

                                                    मन को कई ।
मन को कई किनारों मे समझ लेने कि जरुरत होती है जो मन कि कहानी को चुपचाप कहती रहती है जो जीवन मे मन को अलग तरह कि सोच देकर चलती है जो जीवन मे हर लम्हे को अलग तरह का एहसास देकर जाती है जो मन का मतलब बदलकर जाती है।
मन को कई किस्सों मे समझ लेने कि कहानी मन को मकसद देकर चलती रहती है जो मन के अंदर छुपी बातों के अंदाज बदलती रहती है जो जीवन को कई किनारों मे समझ अलगसी देकर आगे बढती है जो मन को कई किस्सों मे आगे लेकर जाती है।
मन को कई कहानियों मे जीवन कि समझ तो मिलती है जो हमे आगे लेकर हर बार किसी दिशा मे लेकर चलती है जो कहानियों को अलग तरह के मतलब देकर चलती है जो मन को कोई अलगसी कहानी को सुनाती रहती है जो मन को तसल्ली देकर जाती है।
मन को कई किस्सों मे अलग एहसास को समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन को कई हिस्सों मे अलग चमक देकर चलती है वह कहानी जीवन का मकसद बदलकर रखती है जो हर बार जीवन को समझ लेना चाहे उस कहानी मे समझकर आगे जाती है।
मन को कई हिस्सों मे अलग तरह कि प्यास से जीवन को एहसास अलगसा होता है जो जीवन मे कई किस्सों को समझ अलग तरह कि देता है जो मन को ताकद का मकसद हर बार बदलकर दिखाता रहता है जिसके संग अलग सुबह जाती है।
मन को कई किस्सों को परख लेना ही तो जीवन कि जरुरत होती है जो मन को समझकर आगे चलने से ही होती है जिसे समझकर आगे रखने से ही तो दुनिया बडी खुबसूरत लगती है जो मन को ताकद और तसल्ली देकर आगे जाती है।
मन को कई किनारों मे परखती रहती है जिसे समझ लेने कि जरुरत मन को ही तो विश्वास देकर आगे बढती जाती है जो किनारों को समझ अलग किसम कि देकर आगे हर बार चलती है क्योंकि मन मे ही वह ताकद छुपकर हमे अलग दिशा दिखाकर जाती है।
मन को कई हिस्सों मे अलग तरह कि सोच देकर आगे लेकर चलती रहती है जो मन को कई किनारों से जीवन कि सौगाद और समझ देकर आगे चलती है जिसमे दुनिया कई किस्सों को अलग तरह कि पहचान देकर आगे बढती जाती है।
मन को कई किस्सों मे समझकर उसे अलग सुबह देकर चलती है जो जीवन कि सच्ची सौगाद देकर आगे बढते जाते है मन को कई किस्सों मे अलग तरह कि ताकद मिलती जाती है जो मन को समझ अलग तरह कि देकर आगे हर बार जाती है।
मन को कई हिस्सों मे अलग तरह कि समझ हर बार दिखती है जो मन को हर बार अलग तरह के मतलब देकर चलती है जिसमे से कई किस्सों को समझ अलग तरह कि जिन्दा रहती है क्योंकि मन मे अलग ताकद जिन्दा हो जाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...