Monday 17 October 2016

कविता. ९९२. हर पडदे के पार।

                                                  हर पडदे के पार।
हर पडदे के पार कोई आहट तो छुपी रहती है जो जीवन मे हमे अक्सर आगे लेकर चलती है जो पडदे के पार अलग एहसास से जुडी रहती है जो मन को चुपके से आगे लेकर जाती रहती है जो पडदे के पार कोई तो कहानी रखती है।
हर पडदे के पार कोई एहसास कि अलगसी खुशबू जिन्दा होती है जो पडदों को कई बार अलगसी पहचान देकर आगे चलती है जो जीवन को कई कहानियों मे समझ देती है जो जीवन मे कई किस्सों को समझ अलग किसम कि देकर दुनिया को आगे रखती है।
हर पडदे के पार एक आहट छुपी रहती है जो जीवन मे हर पल पडदे के पार कोई ना कोई तो कहानी कहती है जो पडदों को अलग एहसास देकर आगे चलती जाती है जो पडदे के पिछे कि आहट को चुपके से हमारी आदत बनाकर रखती है।
हर पडदे के पार एक आहट छुपी होती है जो जीवन को कई किस्सों मे मकसद देकर चलती है जो पडदों के पिछे लगाकर चलती है पडदों के पार एक अलग तरह कि आदत जिन्दा रहती है जो जीवन मे हर बार उम्मीदे देकर आगे रखती है।
हर पडदे के पार जीवन मे एहसास को नया नाम देकर दुनिया आगे बढती है जो जीवन को अलग किसम कि सोच हर पल देकर चलती है पडदों के पिछे ही तो दुनिया हर बार कोई अलगसा एहसास देकर जीवन को आगे रखती है।
हर पडदे के पार जीवन कि कई कहानियाँ हर पल जिन्दा रहती है जो पडदों के संग ही मन को तसल्ली हर बार देकर चलती है क्योंकि पडदों के पिछे ही तो अक्सर कई एहसासों कि कहानी हर बार हमे जिन्दा कर के नई रफ्तार देकर आगे रखती है।
हर पडदे के पार जीवन कि एक नई दिशाए बनती है जो जीवन को बनाती है और हमे बदलकर आगे बढती है जो पडदों के सहारे ही तो कई बार हकिकत को छुपाकर आगे चलती है पडदों के पार ही दुनिया को आगे रखती है।
हर पडदे के पार जीवन कि हकिकत हर पल आगे लेकर चलती है जो हमे कई किनारों से लेकर आगे बढती है क्योंकि पडदों के पार ही तो दुनिया जिन्दा रहती है जो जीवन को अलग तरह के एहसासों के साथ अक्सर आगे रखती है।
हर पडदे के पार जीवन कि कहानी कई किस्सों मे बदलाव देकर चलती है जो पडदों के पिछे कि हकिकत को कई किसम कि साँसे लेकर चलती है क्योंकि पडदों के पिछे कि हकिकत ही तो दुनिया को ताकद देकर जिन्दा रखती है।
हर पडदे के पार जीवन कि धारा बदलती रहती है जो पडदों के पिछे कि हमारी सोच को उजागर करती है क्योंकि कई बार पडदे के पिछे कि सोच छुपाने कि चाहत हमारी नही होती है पर अनजाने मे ही वह सोच उस मकाम पर रह जाती है उस लिए जीवन कि गाडी हमे आगे नही रखती है।

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