Friday 28 October 2016

कविता. १०१४. हर किनारे पर।

                                               हर किनारे पर।
हर किनारे पर हर पल सुबह अलगसा एहसास देकर हर बार चलती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मौके मे अक्सर होती है जो जीवन को अलग किनारों से आगे लेकर चलती है जो जीवन को अलग एहसास देकर आगे चलती है।
हर किनारे पर हर मोड कि कोई अलग कहानी होती है जो जीवन को अलग एहसास देकर आगे बढती है जो जीवन के कई किनारों को अलग सोच से भर देती है पर हम उस पल मे नही रुकते क्योंकि किनारों को अलग तरह की आस आगे लेकर चलती है।
हर किनारे पर हर मोड पर कोई अलग सोच जिन्दा रहती है जो जीवन को किसी अलग एहसास मे जिन्दा रखती हुई चलती है जो किनारों को अलग मकसद देकर हर मौके पर अलग एहसास के साथ हर बार आगे चलती है।
हर किनारे पर हर मौके पर अलग सुबह हर बार जिन्दा रहती है क्योंकि किनारों पर ही तो हमारे जीवन के एहसास जिन्दा रहते है जिनमे आगे बढने कि प्यास हर बार बदलती है पर जीवन कि कहानी हर बार उम्मीदों से देखे तो राह आसान बनकर चलती है।
हर किनारे पर हर पल आगे चलते जाने कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है जो जीवन को अलग समझ दे जाये वह राह हर बार अहम और जरुरी नजर आती है जो जीवन का मकसद हर पल मे बदलकर आगे चलती है।
हर किनारे पर हर पल आगे लेकर चलती है जो जीवन के किनारों को मतलब देकर आगे बढती जाती है जो किनारों मे अलग तरह का मकसद जिन्दा करती जाती है किनारों के अंदर वह जीवन कि अलग ताकद देकर चलती है।
हर किनारे पर हर मोड पर जीवन कि कहानी कहती है वह सोच अक्सर जीवन मे अहम जरुरी रहती है जो किनारों मे कदमों को अलग समझ देकर रहती है जो किनारों कि हकिकत को कई तरह के किस्सों मे जिन्दा करती हुई चलती है।
हर किनारे पर हर मौके पर जीवन कि धारा को अलग समझ देकर आगे बढती है जो जीवन को अलग तरह के एहसासों कि समझ जिन्दा होती है जो किनारों को अलग तरह कि परख देकर आगे बढती है जो जीवन को उम्मीदे देकर चलती है।
हर किनारे पर हर कोने मे अलग दुनिया रहती है जो जीवन को हर मौके पर अलग किनारों मे दुनिया के अलग एहसास कि समझ देकर आगे बढती है जो जीवन को किनारों मे समझ अलगसी देकर आगे बढती रहती है जो जीवन मे उम्मीदे देकर चलती है।
हर किनारे पर हर कोने मे एक अलग समझ रहती है जो जीवन को अलग तरह के एहसासों को समझकर दुनिया अक्सर आगे लेकर समझ देकर बढती है किनारों को अलग तरह के एहसासों कि कहानी हर बार आगे बढती है जो जीवन को अलग समझ देकर चलती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग। आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारो...