Sunday 30 October 2016

कविता. १०१९. बहारों मे उम्मीदे।

                                                 बहारों मे उम्मीदे।
बहारों को समझ तो हर बार लेते है पर उनकी अहमियत हर बार कहाँ जीवन मे समझ आती है अक्सर बहारों मे भी दुःख कि कोई लकिर जीवन को छूँकर जाती है जो जीवन मे बहारों मे खुशियों के एहसास दे जाये वह दिशा बदलती जाती है।
बहारों को समझ लेने से ज्यादा उनमे खुशियों को जी कर आगे जाने कि जरुरत हर बार होती है जो बहारों को कई तरह के मकसद देकर आगे चलती है जो बहारों को खुशियों कि तलाश हर मोड पर देकर हर बार आगे बढती जाती है।
बहारों को समझकर ही तो जीवन कि अलग सौगाद होती है जो जीवन को हर एक मौके मे आगे लेकर चलती है जो जीवन मे बहारों कि शुरुआत हर बार करती है जो बहारों को कई तरह के मतलब और मकसद हर एक पल मे देकर जाती है।
बहारों को समझ लेना जीवन कि जरुरत हर मौके पर रहती है जो बहारों को अलग तरह कि समझ देकर चलती है जो बहारों को कई किस्सों मे आगे लेकर अक्सर बढती है जो जीवन को समझ देकर जाये वह बहार जीवन को मतलब देकर जाती है।
बहारों को समझकर परखकर ही तो दुनिया अलग एहसास देकर चलती है क्योंकि बहारों मे ही जीवन कि कश्ती कई किनारों पर बदलाव देकर चलती है जो बहारों को समझ ले वह सोच जीवन को नई उम्मीदे देकर आगे लेकर हर बार जाती है।
बहारों को समझ लेना ही तो जीवन कि तलाश रहती है जो जीवन मे बहारों को अलग किसम कि समझ देकर बढती जाती है बहारों मे ही तो जीवन कि तलाश रहती है जो जीवन को कई किस्सों मे कई तरह कि उम्मीदे देकर आगे जाती है।
बहारों को समझ हर कोने मे कई मौकों मे हर बार जीवन कि दुआए मिलती रहती है जो जीवन को अलग किसम कि समझ देकर हर मौके पर खुशियाँ देकर हर पल आगे बढती रहती है क्योंकि बहारों मे ही दुनिया कि उम्मीदे छुपसी जाती है।
बहारों को समझकर हर कोने मे जीवन कि तलाश जरुरी होती है क्योंकि बहारों को ही तो समझ कि ताकद हर बार मिलती है जो जीवन मे बहारों को अलग एहसास देकर आगे बढती है क्योंकि बहारों मे ही तो जीवन कि कहानी जिन्दा हो जाती है।
बहारों को समझकर जीवन को आगे बढते जाने कि आदत होती है पर उस बहार कि खुशियाँ बाँधकर रखने कि जरुरत जीवन मे कभी लगती है पर खुशियाँ नही सच्ची आस तो जीवन मे बस उम्मीदे याद रखने से ही जीवन मे जिन्दा हो जाती है।
बहारों को समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर होती है क्योंकि बहारों मे ही तो उम्मीदों कि परछाई हर पल रहती है जो बहारों को कई किनारों से समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है उन उम्मीदों मे जीने से ही जीवन मे बहार आ जाती है।

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