Tuesday 13 December 2016

कविता. ११०६. रोशनी को समझकर दुनिया।

                                      रोशनी को समझकर दुनिया।
रोशनी को समझकर दुनिया आगे जाती है अंधियारे कि कहानी भी तो अक्सर दिलचस्प नजर आती है जो जीवन कि धारा को कुछ अलग सुबह दे जाती है जो हर बार रोशनी कि धारा को अलग किनारों कि परख देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया उजाले को समझ पाती है अंधियारे संग कई रहस्य को देखकर परख लेना चाहती है जो रोशनी जीवन को कई किस्सों मे आगे लेकर जाती है वह बदलावों कि अलग कहानी को अलग समझ देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया उजाले को परख लेना तो हर लम्हे चाहती है जो कई रंगों को अलग तरह कि दिशाए देती है जो जीवन को कई किस्सों मे अलग पुकार दे जाती है जो एहसासों को कई किसम कि कहानियाँ देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया अलग तरह कि दिशाए दे जाती है जो जीवन मे अलग तरह के एहसास को समझ लेने कि जरुरत अक्सर बताती है जो जीवन कि धारा को कई किसम कि पहचान दिखाती है जो अलग उजाले देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया अलग पहचान के साथ खुशियों को समझ लेना चाहती है जो जीवन को रोशनी कि शुरुआत दे जाती है वह सुबह जीवन को हर पल मे उम्मीदे देकर चलती है वह सुबह के एहसासों को खुशियाँ देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया को कई किनारों से अलग पहचान मिलती है जो सुबह मतलब दे वह अक्सर जीवन मे अलग तरह कि रोशनी मिलती जाती है जो जीवन को अलग समझ दे वह धारा जीवन मे सुबह का एहसास देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया कई किस्सों मे परख दे जाती है अंधियारे कि समझ हर बार अलग बनाती है वह जीवन को दोनों तरह कि उम्मीदे दे जाती है जो जीवन को कई तरह कि रोशनी और अंधियारे कि उम्मीदे देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया को अलग किसम के तरीकों से आगे बढती रहती जाती है रोशनी कि समझ देने कि अंधियारे मे समझ अलगसी होती है जो अलग अलग तरह के एहसासों मे अलग समझ देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया को अलग तरह कि उम्मीदे दे जाती है जो रोशनी और अंधियारे मे अलग तरह के एहसास को समझ अलग तरह कि देती है जो जीवन को परख देकर आगे बढती जाती है जो जीवन मे इशारों को अलग समझ देकर जाती है।
रोशनी को समझकर दुनिया को कई किसम के उजाले दे जाती है  अंधियारे कि कहानी भी मतलब कई किसम के दे जाती है जो जीवन मे कई तरह के एहसासों कि समझ देकर जाती है जो जीवन मे कई बदलाव देकर जाती है।

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