Friday 23 December 2016

कविता ११२७. हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है

                             हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है कई सहारे सिर्फ आदत होते है क्योंकि हर तरह के कोनों मे अलग एहसास हर लम्हे मे जिन्दा होते है हर सहारे मे जीवन को समझ लेने के लिए कियी गयी मेहनत कुछ कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है कुछ सहारे बिना बजह ही जिन्दगी का हिस्सा बन जाते है वह कभी कभी जीवन को अलग तरह का एहसास देकर आगे बढ़ते हुए अक्सर जाते है उन सहारो से हमारी हिम्मत कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है कुछ इस तरह से जाता है जो जीवन के अंदर कई तरह के इशारे देकर चलती है जीवन के हर तरह के सहारे उम्मीदे देकर चलते है हर सहारा जीवन को कुछ ऎसी दिशा दे जाता है वह मुश्किल कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है कभी कभी पहचान उस सहारे से गुम होती है हर बार सहारे को परख लेने की कोशिश हर पुकार मे होती है क्योंकि कोशिश के अंदर एक पहचान छुपी रहती है जो हर बार किसी सहारे के संग कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है किसी अलग एहसास के साथ अलग किसम कि पहचान देती है क्योंकि सहारो को समझकर आगे चलती है वह सहारा जीवन को परख देकर आगे चलता है जो हर बार किसी सहारे के संग मंज़िल कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है किसी तरह कि पहचान जीवन को आकार अलग किसम का एहसास हर मौके पर परख देती है जो जीवन कि अलग उम्मीदे मन के सोच से उजाला देकर जाती है वह गलत सहारे से कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है कुछ कोने से जिन्दगी बड़ी आसन नजर आ जाती है पर सहारे से हो तो वह कुछ पल कि बात होती है जो जीवन को गलत किसम कि सोच देकर आगे बढ़ती जाती है जो मुश्किल को कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है जो जीवन को कई तरह के इशारे देकर चलती रहती है जो जीवन मे कई किसम की राहे देती है जीवन मे सहारे को लेकर कुछ चीजें तो जीवन पर असर करती है जिन्हे समझकर सहारे कि अहमियत कम हो जाती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है सहारे को लेकर दुनिया हर बार अलग किसम कि पहचान जीवन को अलग किसम कि पुकार देती है पर सहारे कि जरुरत तो हमारी काबलियत पर होती है जिसे समझकर इस्तेमाल करने से जरूरत कम होती है
हर सहारा जीवन कि जरुरत नही होता है सहारे का मतलब दोस्ती नही होती है दोस्ती मे कंधा तो मिलता है पर मदद कि बात नही होती है किनारों से चलानेवाले कि ही मदद ही सहारा बनती है पर वह चाहे कितनी भी ज्यादा हो दोस्ती से कम होती है

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