Thursday 1 December 2016

कविता. १०८२. हर किनारे को किसी।

                                           हर किनारे को किसी।
हर किनारे को किसी तूफान कि तलाश हो ऐसे जाने क्यूँ हर बार तूफानों से भागनेवाले मन कभी तूफानों को परख लेना भी हर बार चाहता है क्योंकि किनारों को लहरों से टकराने कि आदत हर बार होती है जो जीवन मे तूफानों को समझकर आगे जाना चाहती है।
हर किनारे को किसी अनजाने एहसास कि जरुरत हर बार होती है क्योंकि किनारों को समझकर आगे जाने कि आदत होती है उन लहरों से अलग किनारों को पहचान लेने कि जरुरत जीवन को हर लम्हे मे होती है जो जीवन को उम्मीदे देना चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग एहसास कि चाहत हर बार होती है जो एहसासों मे बदलाव देकर आगे बढती जाती है क्योंकि किनारों को समझकर दुनिया हर बार आगे चलती है जो जीवन को कई किस्सों मे आगे लेकर जाने कि जरुरत जगाना चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग एहसास को परखकर समझ लेने कि जरुरत हर लम्हे पर होती है क्योंकि किनारों से टकराने कि जरुरत हर मोड पर रहती है क्योंकि किनारों से ही तो दुनिया कि सौगाद बदलती जाती है जिसके बदलाव को समझना दुनिया चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग खयाल कि तलाश हर बार रहती है क्योंकि मन कि दुनिया बदलाव अक्सर माँगती रहती है क्योंकि किनारों को अलग तरह के तूफानों से लढने कि जरुरत हर बार रहती है जो जीवन को आगे लेकर जाना चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग एहसास मे समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर पल रहती है जो जीवन को कई किनारों को दिखाकर आगे लेकर चलती है क्योंकि किनारों को कई किस्सों मे समझ लेने ही जरुरत रहती है जो जीवन को जिन्दा रखना चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग मौके कि तलाश अक्सर होती है कुछ अलग एहसास को पकडकर दुनिया को परख लेने कि जरुरत जीवन को हर बार होती है जो जीवन मे हर किस्से को जिन्दा रखते हुए आगे जाने कि उम्मीदे हर पल चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग तरह के एहसास को समझकर दुनिया हर पल आगे बढती जाती है जो जीवन मे किनारों को समझ लेने पर ही अक्सर दुनिया मे आगे मिलती है जिसे समझ लेने कि जरुरत जीवन को उम्मीदे देकर जाना चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग तरह के उजाले को समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन को हर मौके पर अलग किसम के बदलाव देकर चलती है जो तूफानों से ही आगे बढते जाने कि जरुरत जीवन को हर मौके पर आगे लेकर जाना अक्सर चाहती है।
हर किनारे को किसी अलग तरह कि उम्मीदे हर पल मे रहती है जो जीवन को कई किनारों से आगे लेकर चलती है जो किनारों को टकराने से कतराती है वह भी लहर कभी प्यारी लगती है किनारों को तो हर एक लहर से उम्मीदे रहती है जो आगे ले जाना चाहती है।

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