Wednesday 22 February 2017

कविता. १२४८. हर दास्तान को अलग पुकार।

                               हर दास्तान को अलग पुकार
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर लम्हे के साथ कोई अलग मकसद देती है हर बार दास्तान को अलग पहचान देकर जाती है जो जीवन मे कई दास्तानों को मतलब अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर पल के साथ कोई अलग आवाज दिलाती है हर बार दास्तान कुदरत को कितने एहसास दिलाती है जिन्हे समझ लेने पर दुनिया एहसास अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर पल के खातिर कोई पहचान दिलाती है जो हर किस्से के साथ कोई कहानी समझ देती है हर बार नयी कुदरत के साथ कोई पहचान अलगसी दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर मौके के साथ पुकार हर कदम से कोई अलग रोशनी हर उजाले को समझ दिखाती है जो जीवन मे कई दास्ताने हर लम्हे के संग दुनिया को सपना अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर लम्हे के साथ कुदरत के कई नजारे दिखाती है जिसे परखकर समझकर हर लम्हे के संग नये तरीके कि पुकार हर पल हर कदम को एहसास अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर किस्से के साथ पुकार के अंदर अलग पहचान रहती है जो जीवन मे अलग किनारों से आगे चलती है जो जीवन मे कई दास्ताने हर पल एहसास अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर लम्हे के साथ कोई कहानी के संग अलग तरह कि रोशनी हर मौके पर अलग पहचान देकर जाती है जो जीवन को अलग पुकार के संग दुनिया का एहसास अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर किस्से के साथ कोई कहानी के संग नयी रोशनी लाती है वह हर दास्तान को अलग सुबह से समझ दे जाती है जिसे हर मौके पर अलग पहचान देने कि जरुरत अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर लम्हे के साथ कोई अलग आवाज अलगसी दिखाती है जो जीवन मे कई किनारों पर अलग पहचान देकर चलती है जो जीवन मे अलग किनारों पर दुनिया का एहसास अलगसा दिलाती है।
हर दास्तान को अलग पुकार जो जीवन मे मिलती है वह हर किस्से के साथ कोई कहानी समझ लेने कि जरुरत हर बार जताती है जिसे समझकर ही तो दुनिया कई लम्हों के साथ आगे बढती जाती है जो हवाओं मे पहचान का किस्सा अलगसा दिलाती है।

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