Sunday 3 July 2016

कविता. ७८१. चारो ओर से जीवन मे।

                                                    चारो ओर से जीवन मे।
चारो ओर से जीवन मे एक बात नही होती है हर दिशा हर मोड पर अलग एहसास देकर चलती रहती है आगे बढती रहती है।
कई मोड हमे अलग किसम का एहसास दे जाते है जो जीवन कि कहानी हर बार अलग तरीके से बयान करते रहते है जीवन कि कहानी हर पल वही नही रहती है।
जीवन कि कई दिशाए जीवन को समझ लेती है उन्हे समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर और हर पल मे दुनिया देखती रहती है।
जीवन को कई किनारों से समझ लेने कि जरुरत हर पल होती है हमे जीवन को समझ लेने से अलग ताकद हर पल नसीब होती रहती है।
जीवन कि बाते बिना समझे आसानी से जीवन को आगे लेकर नही चलती है चारो ओर से समझ लेने कि बाते हर पल अलग अलग होती रहती है।
जिस दिशा को समझ लेते है उस दिशा मे जीवन कि सुबह ढूँढनी जरुरी होती है जो जीवन को नये मोड देकर अलग अंदाज मे समझ लेती है।
जीवन कि कहानी चारो दिशाओं से बदलती रहती है जो जीवन कि सोच को एक अलग मोड मे ले जाकर हर पल बदलती रहती है।
जीवन के किसी मोड को समझ लेने कि जरुरत जीवन को हर पल होती ही है जो जीवन कि कहानी हर बार बदलकर आगे बढती रहती है।
हर किनारे को समझकर आगे चलते रहने ही जरुरत हर एहसास मे रहती है जिसे दुनिया हर बार हर पल बडी आसानी से समझकर आगे बढती रहती है।
जीवन मे चारो ओर से दुनिया को समझ लेना जीवन कि जरुरत हर पल मे होती है जीवन कि कहानी अलग अलग एहसास देकर चलती है।

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