Wednesday 13 July 2016

कविता. ८०१. किरणों कि ताकद।

                                             किरणों कि ताकद।
किरणों कि ताकद से रोशनी हर बार जीवन को चमक दे जाती है जो हमे अलगसा एहसास देकर धरती का रंग बदलकर आगे बढती जाती है।
किरणों कि कहानी जीवन मे नया एहसास दे जाती है जो धरती को अलग तरह का रंग देकर चलती जाती है जीवन को समझ लेना जरुरी लगता है जिसे जिन्दगी समझ पाती है।
किरणों कि रोशनी से धरती अलग चमक दिखाती है बडी प्यारी लगती है वह किरण जिसके छूँ लेने से पत्थर मे भी सोने कि चमक आ जाती है।
किरणों का क्या है वह किसकी भी किरण हो सुंदर तो नजर आती ही है दोनो तरह से जीवन कि रोशनी उजाला देकर आगे बढती जाती है।
किरणों कि ताकद मे धरती भी कुछ अलग एहसास दे जाती है दुनिया को परखकर आगे चलते जाने कि कहानी एहसास अलगसा लाती है।
किरणों को किसी ओर से भी देखे तो दुनिया खुबसूरत नजर आती है जीवन कि हर एक दिशा दुनिया को अलग तरह कि समझ देकर आगे बढती चली जाती है।
किरणों कि ताकद अक्सर दुनिया को मतलब दे जाती है जीवन का मकसद हर पल बदलकर आगे बढते रहने कि ताकद दुनिया के हर एक मौके पर दे जाती है।
किरणों कि हर एक तसबीर प्यारी नजर आती है अँधियारे मे भी खास हमे किसी छोटीसी किरण कि जरुरत हर पल नजर आती है जो आगे ले जाती है।
किरणों मे ही तो जीवन कि कहानी हर बूँद से सागर बन जाती है जिसे परख लेने पर ही तो दुनिया नया एहसास देकर आगे बढती चली जाती है।
किरणों को समझकर दुनिया मे जब साँसों कि नई सौगाद बन जाती है वही तो जीवन कि कहानी सुनाती है और जीवन कि दिशाए बदलती जाती है।

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