Sunday 24 July 2016

कविता. ८२३. रेत के महल मे चीजे।

                                          रेत के महल मे चीजे।
रेत के महल मे जीवन कि कई बाते छुपी नजर आती है जो जीवन को अपना अलग रंग देकर आगे चलती जाती है जो दुनिया बसा लेती है।
रेत के महल से हमे कितनी भी नफरत हो कई बाते जीवन कि उसका मकसद समझा लेती है क्योंकि कई बार जीवन कि अहम कडीयाँ उन महलों मे होती है।
रेत के महल कि कहानी हर पल जरुरी होती है जो दुनिया को हर बार अलग तरह का रंग दिखाती रहती है उसे परख लेने कि जरुरत होती है।
रेत के महल तो गिरते है पर उनके अंदर कि छुपी बाते हमे बतानी होती है जिनके सहारे से ही जीवन कि एक अलग तरह कि कहानी बन जाती है।
रेत के महल को समझ लेने कि कहानी हमे ताकद दे जाती है जीवन मे अलग अलग एहसास कि जरुरत हर मौके पर हर बार होती रहती है।
रेत के महल मे ही तो जीवन कि अहम बाते कई बार छुपी हुई रहती है जो जीवन कि धारा को अलग तरह का एहसास देकर आगे चलती जाती है।
रेत के महल मे ही जीवन कि जरुरी चीजे बसी रहती है जो जीवन का मतलब हर बार अलग तरीके से सोचकर ही तो जीवन को अलग किसम कि सोच दे जाती है।
रेत के महल मे ही तो दुनिया कि साँसे घुटती रहती है जो जीवन को हर पल एक अलग तरह कि सोच दे जाती है क्योंकि कई बार सही चीजे गलत चीजों के अंदर होती है।
रेत के महल को समझ लेना ही तो जीवन कि सबसे बडी अहमियत बनती है तब कोई सही बात उसके अंदर छुपी हुई हर पल दिखने लगती है।
रेत के महल मे ही तो चीजे रहती है जो हमे जब जरुरी लगती है तब हमे जीवन मे आगे बढते रहने कि उम्मीदे हर पल साफ नजर आती रहती है।

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