Friday, 15 July 2016

कविता. ८०४. फूलों से ज्यादा अहम।

                                         फूलों से ज्यादा अहम।
फूलों कि खुशबू हो या कोमलता जीवन को छूँ जाये उन फूलों के एहसासों से दुनिया हर बार बदलती जाती है फूलों को समझ लेने कि जरुरत नजर आती है।
फूलों को समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर होती है जिसे समझ लेने पर जीवन कि धारा को असर अलग तरह का होता रहता है जो दिशाए बदलता है।
फूलों से भी कभी कभी पत्तों कि जरुरत ज्यादा नजर होती है क्योंकि पौधों मे सबसे ज्यादा उनकी जरुरत जीवन मे अक्सर होती है जो आगे लेकर चलती है।
फूलों को भुलाकर ही तो जीवन कि कहानी कई बार अलग तरह से सिखा जाती है जिसमे एहसासों कि अलग बात जीवन मे हर पल सुनाई पडती है आगे लेकर चलती है।
फूलों के अंदर कोई नया एहसास हर पल जीवन मे उजाला दे जाता है उम्मीदों कि नई शुरुआत दे जाती है जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर होती है।
फूलों कि खुशबू तो खास होती है पर सबसे जरुरी उन पत्तों कि उन शाखाओं कि जरुरत हर पल नजर आती है जो दुनिया को हर बार अलग बदलाव देती है।
फूलों मे दुनिया कि एक अलग ताकद छुपी नजर आती है जो हमे आगे लेकर चलती जाती है जो हमे नई उम्मीदे देकर हर पल आगे बढती चली जाती है।
फूलों को समझ लेने कि अहमियत हर बार अलग तरह से नजर आती है पर उस से भी ज्यादा पौधे कि जरुरत नजर आती है जिनमे सही चीजे होती है जो जीवन दे जाती है।
फूलों से ना काटों कि जरुरत जीवन मे इतनी होती है जितनी पौधों कि जरुरत हर बार जीवन मे अक्सर मेहसूस होती है जो जीवन को समझ लेने कि जरुरत होती है।
फूलों कि नही  पेडों कि हमे अक्सर जरुरत होती है जो हमे उम्मीदों कि रोशनी देकर आगे बढती जाती है जो जीवन को बनाकर आगे बढती चली जाती है क्योंकि वही फूलों को जिन्दा करती है।

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