Saturday 9 July 2016

कविता. ७९३. मशाल कि आग।

                                           मशाल कि आग।
मशाल कि आग के अंदर नई रोशनी मिल जाती है जीवन मे सारी बाते समझमे आती है आग तो वह है जो अँधियारे से भीड जाती है और उम्मीदे दे जाती है।
मशाल तो वह जीवन कि है जो अलग एहसास दिलाती है जिसमे रोशनी कि ताकद हर पल आवाज देकर आगे चलती जाती है जीवन को बदल जाती है।
मशाल को समझकर आगे बढते रहने कि जरुरत अहम नजर आती है जिसमे जीवन कि अलग पुकार जीवन मे एहसास दिलाती है अलग सोच दे जाती है।
मशाल तो वह है जो अँधेरे मे भी राह बताती है जो जीवन कि कहानी और दिशाए बदलकर जाती है अलग एहसास अक्सर दे जाती है जीवन मे बदलाव लाती है।
मशाल को परखकर जीवन मे कोई अलग खयाल को परख लेने कि जरुरत हर मौके मे होती है जो जीवन कि कहानी बदल देती है जो आगे ले जाती है।
मशाल को समझकर उसके अंदर कि रोशनी जीवन कि कहानी बदलकर आगे बढती जाती है जो हमे दुनिया कि अलग अलग दिशाए बता देती है जो एहसास को बदल जाती है।
मशाल को समझकर रोशनी दे जाये वह सोच जरुरी होती है जो रात मे ही अलग एहसास देकर जाती है जीवन का विश्वास बदलकर आगे बढती जाती है।
मशाल तो जीवन कि अलग दिशाए देकर आगे बढती जाती है जिसमे जीवन कि दिशाए बदलती रहती है जो रोशनी कि कहानी बताते है।
मशाल को समझकर रोशनी कि शुरुआत हर बार होती है जो जीवन कि कहानी कई हिस्सों मे और कई किस्सों मे कहती रहती है जीवन को बदलती रहती है।
मशाल को कई तरह कि रोशनी जीवन मे देकर चलती रहती है जो जीवन को साँसे दे जाये वह उम्मीद एक मशाल से ही तो बनती रहती है।

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