Sunday 31 July 2016

कविता. ८३७. कभी कभी जीवन मे हमे लगता है।

                                    कभी कभी जीवन मे हमे लगता है।
कभी कभी जीवन मे हमे लगता है हम आजादी से उडते है कभी कभी हमे लगता है हमारे पंखों को जाने क्यूँ हम ही बाँध के रख देते है उडना भूल जाते है।
कभी कभी जीवन मे हमे नई सुबह कि तलाश होती है तो कभी कभी जो चीज हमारे बस मे है हम उसमे ही खूश रहा करते है जीवन को जिया करते है।
कभी कभी जीवन मे हमे नये किनारों कि सोच मिलती रहती है जिसमे जीवन कि अलग तरह कि कहानी जिन्दा रहती है जो जीवन को खुशियाँ देकर आगे चलती है।
कभी कभी जीवन मे हमे दुनिया कि एक अलग तरह कि सुबह हर पल दिखती है जो जीवन को अलग सोच कि एक तसबीर देकर आगे बढती रहती है।
कभी कभी जीवन मे हमे नई दिशाए मिलती है जो हर पल अपनी दुनिया को बदलकर हर बार आगे बढती है जीवन का मकसद समझ लेती है सोच को अलग दिशा देती है।
कभी कभी जीवन मे हमे रूह कि बाते सुननी होती है जो हमारे जीवन को रोशनी का एहसास देकर चलती है वह हमे आगे लेकर हर मौके पर चलती है।
कभी कभी जीवन मे हमे अपने एहसासों को समझ लेने कि जरुरत होती है जो जीवन कि कहानी कि दिशाए बदलती रहती है जो हमे नई उम्मीदे दे जाती है आगे ले जाती है।
कभी कभी जीवन मे हमे लगता है कोई रोक रहा है हमे पर वह बस हमारी रूह कि एक सोच होती है जो हमारी दिशाओं को हर पल बदलकर आगे बढती रहती है।
कभी कभी जीवन मे हमे अपने साँसों को आजादी देनी होती है जो जीवन कि कहानी मे बदलाव देती है कभी हम रुके है उसकी बजह हमारी साँसे होती है।
कभी कभी जीवन मे हमे अपनी राह चुनने कि आजादी देने कि जरुरत हर मोड पर होती है जो हमारे जीवन कि ताकद बनती है हमे नई रफ्तार देकर आगे चलती है।

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