Sunday 3 July 2016

कविता ७८०. किरण कि खुबसुरती।

                                                              किरण कि खुबसुरती।
किसी किरण मे खुबसूरती पर जब दिल आ जाता है तब वह चंदा कि हो या सूरज कि इन बातों का असर अपनी दुनिया पे नही हो पाता है।
किरणों के एहसास पर ही तो दुनिया मे अलग असर हो जाता है जीवन मे हर चीज को इन्सान अपनी समझ से ही तो अक्सर दुनिया मे परख पाता है।
किरणों मे कुछ खास एहसास को समझकर जीवन मतलब देकर जाता है जीवन मे हर एक चीज अपना मन अपने तरीके से परख लेना चाहता है।
जिसे मन सचमुच मे चाहे वह चीज को वह हर हाल मे समझ लेने कि उम्मीद हर मौके मे मिलती रहती है मन कि चाहत ही तो दुनिया को तय करती है।
जीवन मे चीजे हर बार जीवन मे बदलती रहती है चीजों मे कई एहसास हर बार रहते है जिन्हे समझ लेने कि जरूरत दुनिया को हर मोड पर होती है।
जीवन मे हर चीज को समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत जीवन को हर पल उजाला देकर आगे बढती जाती है जीवन मे हर चीज अलग मतलब देकर जाती है।
चीजों को समझ लेने कि जरुरत होती है जो कई बार रोशनी दे जाती है क्योंकि वह मन को हर बार भाती है मन कि चाहत ही तो मतलब दे जाती है।
हम दिल से जिस खुबसूरती को मेहसूस करते है उसमे दुनिया को अहम एहसास हर बार होते है जो दुनिया को एक नये तरह कि रोशनी देकर चलते है।
जो बात मन को भा जाती है उसमे नई खुबसुरती हर बार दिखती है जिसे हर मोड पर हमारा दिल दुनिया चाहती है जो जीवन को एहसास देती है विश्वास देती है।
जीवन कि हर धारा मन कि हर चीज को समझ लेती है उसे परख लेने कि जीवन मे एक शुरुआत होती है जो साँसे तो हर बार मन को दे जाती है जिसे समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर मोड पे होती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२४. बदलाव को लहरों की।

                                बदलाव को लहरों की। बदलाव को लहरों की मुस्कान कोशिश सुनाती है दिशाओं को नजारों संग आहट तराना सुनाती है आवाजों...