Friday 22 July 2016

कविता. ८१८. हर मोड पर किताब मे।

                                       हर मोड पर किताब मे।
हर मोड पर किताब मे कुछ अलग बात होती है जो किताब को अलग पन्नों से समझ लेती है जो किताब को कई पन्नों मे एक अलग कहानी कि शुरुआत दे जाती है।
हर मोड को पन्नों मे बढते रहने कि जरुरत होती है उनके अंदर ही तो जीवन कि अलग किताब सुनाई पडती है जो जीवन को कई तरह के मोड देती रहती है।
हर मोड पर जीवन कि कोई कहानी बदलाव तो अक्सर दे जाती है जो उस किताब मे लिखा हुआ है जिसमे दुनिया बदलाव हर तरफ से दे जाती है दुनिया बदल जाती है।
हर मोड पर जिन्दगी के कई मौकों पर जीवन कि कहानी नई रोशनी देकर आगे बढती जाती है जिन्हे किताब से पन्नों से आगे ले जाने कि जरुरत जीवन मे हर पल होती है।
हर मोड पर किताबों मे जीवन कि नई शुरुआत होती रहती है जो जीवन को अलग किसम कि साँसे देकर जीवन का एहसास बदलकर आगे बढती चली जाती है।
हर मोड को समझ लेना ही तो जीवन कि अहम बात होती है जो जीवन को समझ देकर आगे बढती जाती है वही तो जीवन कि सुबह हर पल और हर बार होती है।
हर मोड मे ही जीवन कि किताब कोई अलगसा मतलब दे जाती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर मौके पर अक्सर हमे नजर आती है जो जीवन को बदल जाती है।
हर मोड को समझकर आगे बढते रहने कि जरुरत हर पल को कुछ तो मकसद देकर चलती जाती है आगे बढती चली जाती है जो जीवन मे कई राहों पर ले जाती है।
हर मोड को अलग अलग चेहरों कि जरुरत हर पल होती है क्योंकि हर पन्ने पर कोई ना कोई किरदार छुपा रहता है जो हमे उम्मीदे देकर आगे बढता जाता है।
हर मोड को समझकर ही तो जीवन कि कहानी हर साँस मे कुछ अलग एहसास देकर हर पल आगे बढती चली जाती है क्योंकि जीवन एक किताब ही तो होती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४५. आवाज कोई सपनों संग।

                           आवाज कोई सपनों संग। आवाज कोई सपनों संग खयाल सुनाती है कदमों को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है उम्मीदों को किनारो...