Friday, 15 July 2016

कविता. ८०५. जब किसी सोच से।

                                               जब किसी सोच से।
जब किसी सोच से खयाल बन जाता है उसे समझ लेने का मजा कुछ और ही होता है जो जीवन को नई उम्मीदे देकर जाता है।
जब कोई जवाब दुनिया को बदल देना चाहता है हमे दुनिया को समझ लेने कि जरुरत जीवन अक्सर मेहसूस करके जाता है।
जब किसी खयाल को परखकर जीवन कि कहानी बदल लेना जरुरी नजर आता है उस खयाल से ही जीवन बढता जाता है।
जब किसी ताकद को परखकर जीवन मे आगे चलते रहना जरुरी नजर आता है जिनसे खुशियों कि कहानी का रंग जीवन मे आता है।
जब हम जीवन को समझ लेते है तो जीवन नई साँसे दे जाता है एक अलगसी रफ्तार कि जरुरत दुनिया मे हर पल पाता है जीवन को आगे ले जाता है।
जब जीवन मे कई किनारों को समझ लेने का मजा आता है उन्हे परखकर आगे चलते जाने कि सोच के अंदर ताकद का एहसास अलग होता है।
जब जीवन को समझ लेते है जिसमे एहसासों का अलग साया दिखता रहता है बडा मजा आता है उसे परख लेने का मजा कुछ और ही होता है।
जब जीवन कि धारा को समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत होती है तब हमे जीवन कि कहानी अलग तरीके से समझमे आती रहती है।
जब हम जीवन को अलग तरह से समझ लेते है तो उसमे अलग तरह का एहसास जिन्दा होता है जो जीवन को अलग तरह कि साँसे दे जाता है।
जब जीवन कि धारा को समझ लेना जरुरी होता है जीवन के अंदर कोई ना कोई कहानी का कोई तो मतलब हर पल जीवन मे आगे लेकर चलता है।

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