Sunday 10 July 2016

कविता. ७९५. किसी खयाल।

                                               किसी खयाल।
किसी खयाल को दोहराओ तो बात बदल जाती है जीवन कि हर पल सौगाद बदल जाती है जो जीवन को एहसास अलगसा दिखती है।
किसी पल मे हमे एक अलग सोच सी मिल जाती है जो जीवन कि कहानी बदलकर कोई बात सिखाती है जीवन को अलग एहसास दे जाती है।
किसी सोच को परख लेना अहम बात दिखाती है जो जीवन कि कहानी बदलती जाती है जो जीवन को अलग तरह का एहसास देकर आगे बढती जाती है।
किसी किरण कि उम्मीदे जीवन को अलग एहसास दे जाती है जो जीवन को समझकर आगे चलती जाती है नया एहसास दे जाती है।
किसी कहानी को बदलकर रखने कि जरुरत हर पल नजर आती है जो जीवन कि दिशाए बदलकर रख देती है आगे निकल जाती है।
किसी सोच के अंदर कि बातों को समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर होती है जो जीवन मे आगे निकलकर आगे बढते जाने कि उम्मीदे देकर जाती है।
किसी मोड को समझकर कोई किरण जीवन मे नया एहसास देकर आगे बढती चली जाती है जो हमे हर पल साँसे देकर आगे चलती जाती है।
किसी तरह कि कहानी बदलती हुई नजर आती है जिसमे जीवन कि बाते समझ लेने कि अहमियत हर मोड पर हर पल जीवन मे होती है।
किसी तरह कि कहानी बदलती चली जाती है जो हमे आगे बढते रहने कि उम्मीदे हर बार जीवन मे दे आगे चलती जाती है नई रफ्तार दे जाती है।
किसी खयाल मे नये तरह का अंदाज और सोच हर पल जिन्दा रहती है जब उसी खयाल कि कहानी दोहराई जाती है उम्मीदे देकर चलती है।

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