Sunday 24 July 2016

कविता. ८२२. कई खयालों कि दुनिया।

                                                कई खयालों कि दुनिया।
कई खयालों को समझ लेने कि ताकद जीवन को समझ देती है खयाल से ही तो जीवन कि कहानी बन पाती है जो मकसद दे जाती है।
कई खयालों को कई किनारों से ही तो आगे बढने कि उम्मीदे मिल पाती है जो हमारे जीवन कि धारा को बदल देती है हमारी सोच मे बदलाव लाती है।
कई खयालों को समझकर जीवन को परख लेने कि जरुरत हर पल जीवन को होती है जो हमे हर पल सुबह देकर आगे बढती चली जाती है।
कई खयालों को समझकर दुनिया कि ताकद बनती है जो जीवन को आगे लेकर चलती जाती है जो जीवन को सच्चा विश्वास देकर आगे बढती जाती है।
कई खयालों को समझकर ही तो जीवन कि कहानी बदलती जाती है जो जीवन को समझकर आगे चलती जाती है जीवन मे रोशनी लाती है उम्मीदे देती जाती है।
कई खयालों को परखकर ही तो दुनिया बनती जाती है वही कई किस्से जीवन मे देकर चलती जाती है दुनिया बदलती चली जाती है पहचान अलगसी होती जाती है।
कई खयालों से ही तो हमारी दिशाए बनती है वही दिशाए तो हमारी ताकद कहलाती है आगे चलती जाती है जीवन को अलग एहसास दे जाती है।
कई खयालों कि जिन्दगी हर पल जिन्दा रहती है जो हमे रोशनी देकर चलती जाती है जो हमे नई उम्मीदे और रफ्तार देकर आगे चलती जाती है।
कई खयालों को समझकर ही तो जीवन कि साँसे बनती है जो हमे नई शुरुआत देकर चलती है जो हमारी दुनिया हर बार बदलकर चलती जाती है।
कई खयालों कि ही तो हमारी दुनिया बन पाती है जो हमे अलग उम्मीदे अक्सर देकर जाती है जो हमारी दिशाए बनाकर आगे चलती जाती है जो हमारी दुनिया बदलती जाती है।

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