Wednesday 6 July 2016

कविता. ७८७. हर जवाब।

                                                हर जवाब।
हर सवाल को जवाब कुछ ऐसे दो कि उसका अंदाज जुदा दिख जाये सच्चाई उसमे ऐसे चमके कि एहसास अलगसा हर पल नजर आता हो।
जब सही करो कुछ जीवन मे उम्मीदों का किनारा बदल जाता हो उसे समझ लेना जीवन मे जिसमे जीवन का रंग अलग नजर आता हो।
जब जब साँसों मे जीवन जिन्दा हो जीवन अपनी प्यास बदल जाता है कुछ ऐसा करना जीवन मे कि वह साँसों कि सौगाद बदलता हो।
जब जब कोई जवाब जुबान को तसल्ली दे जाता है तो लगता है जैसे कि जीवन का एहसास बदलाव दिखता हो जो जीवन को कुछ अलग बनाकर जाता हो।
हर जवाब जीवन को अलग जुबान दे¿कर आगे निकल जाता हो वह एहसास दे जाता है जिसमे आगे बढते रहना जरुरी होता हो।
जवाब ही तो असली दर्द का एहसास भी कभी होता है कभी तकलीफों कि बजह बन जाता है वह जीवन कि सही सौगाद होता हो।
जवाब को समझ लेना ही तो दुनिया को उम्मीदे सही किसम कि देकर जाता है उसका ऐसा होता है तभी वह ऐसा बनता है जो शुरुआत बन पाता हो।
जवाब जब सच्चा हो तो उसका एहसास जुदा होता है जो दुनिया को बदलकर रखने कि हर बार हर पल जीवन मे ताकद रखते हो।
जवाब ही तो लब्जों का सिंगार होता है जो जीवन को हर पल हर मोड पर बदल जाता है सही जवाब तो वही है जो किनारा बन पाता हो।
जवाब ही तो जीवन का सहारा होता है उसे संभलकर देना क्योंकि उसे तो ऐसा होना जरुरी है कि जो जीवन कि मशाल बन पाता हो।

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