Sunday 17 July 2016

कविता. ८०८. तूफान को समझ लेना।

                                         तूफान को समझ लेना।
तूफान को समझ लेना ही तो जीवन कि जरुरत होती है जो हमे अक्सर आगे ले जाती है जो जीवन कि सबसे बडी मुसीबत होती है जो आगे लेकर बढती है।
तूफान को परख लेना जीवन कि जरुरत होती है जो बार बार चीजों का बदलाव समझ लेती है जो जीवन को बदलाव हर पल देकर चलती है जो जीवन को अलग असर देकर चलती है।
तूफान को हर पल चीजों को बदलकर आगे बढते रहने कि आदत होती है जो जीवन पर कोई अलग तरह का मकसद देकर हर पल चलती रहती है।
तूफान को परख लेने कि ताकद दे जाती है चीजे इधर और उधर करने की इजाजत कुदरत उसको देती है जाने क्यूँ असर कर लेती है जीवन को मकसद दे जाती है।
तूफान को समझ लेना ही तो जीवन कि रफ्तार होती है जो जीवन कि कहानी हमारी दिशाए बदलकर रख देती है वह हमारी कहानी को अलग मकसद दे जाती है।
तूफान के अलग एहसास को समझकर जीवन कि कहानी बदलती रहती है जीवन मे चीजों को उलट पुलट कर देने कि कहानी जीवन को बदल देती है।
तूफान को समझकर जीवन को बदलते है जाने कि जरुरत हर बार जीवन को होती रहती है जो जीवन कि दिशाए बदलकर आगे बढती जाती है उम्मीदे बदलकर आगे आती है।
तूफान को चीजों से टकराने जाने की क्यूँ जरुरत होती है क्योंकि तूफानों के अंदर ही जीवन कि कहानी होती है जो जीवन को कुछ और ही बना देती है।
तूफान तो एक उलझन है पर उसे समझ लेने कि जरुरत हर पल होती है जो हमे नई सुबह देकर जीवन को समझ लेती है जीवन को बदल लेती है।
तूफान को परखकर समझ लेने कि कहानी को अहमियत होती है जो हमे आगे बढते जाने कि जरुरत होती है जो जीवन कि दिशाए बदलकर रखती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१२५. किनारों को अंदाजों की।

                              किनारों को अंदाजों की। किनारों को अंदाजों की समझ एहसास दिलाती है दास्तानों के संग आशाओं की मुस्कान अरमान जगाती...