Wednesday, 27 July 2016

कविता ८२८. गीत के कई बोल।

                                          गीत के कई बोल।
गीत के कई बोल जीवन को बताते है हमे आगे बढते रहने कि राह दिखाते है गीत के बोल अक्सर संगीत बनाते है उन्हे समझ लेना हम चाहते है ।
गीत के बोल ही तो कभी कभी हमे समझाते है कि छोटीसी चीजों से जीवन को समझ लेना हमे सिखाते हुए आगे चलते जाना हर पल हम जान लेते है।
गीत के बोल ही तो हमे आगे लेकर चलते जाते है जो दुनिया कि राहे बदलकर आगे बढते चले जाते है जिनमे हम जी लेना चाहते है आगे बढना चाहते है ।
गीत के बोल ही तो जीवन कि छोटीसी बात कि अहमियत हर मौके पर सिखाते है जिन्हे हम अक्सर जीवन मे मेहसूस करते रहते है जो जीवन मे रोशनी चाहते है ।
गीत के बोल ही तो ताकद बनकर कुछ अलग किसम का असर करते जाते है गीतों के बोल दुनिया को आगे लेकर चलते जाना हर मौके पर चाहते रहते है ।
गीत के बोल छोटीसी चीजों से आगे लेकर कई किनारों पर पहुँच पाते है जिनकी जरुरत हम हर कदम पर मेहसूस करते जाते है आगे चलते जाते है ।
गीत के कई बोल जीवन को बनाते है क्योकि गीतों मे ही तो हम अपनी दुनिया कि शुरुआत कितनी छोटीसी होती है उसका एहसास होता है।
गीत के कई बोल जीवन को छोटेसे कदम कि शुरुआत बताकर आगे चलते जाते है जिन्हे समझ लेना हम अक्सर जीवन मे अहम पाते रहते है ।
गीत के कई बोल सिर्फ दो पलों कि छोटीसी शुरुआत होते है जो जीवन को मतलब हर बार देकर आगे चलते जाते है जिनमे नई चीजे अक्सर छोटीसी होती है।
गीत के कई बोल अकेले ही जीवन मे काफी होते है क्योकि अकेले ही वह गीत कि ताकद रखते जाते है जीवन मे आगे निकल जाना चाहते है ।

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