मन के अंदर
हर बार जब जब हम मन के अंदर कुछ सोच लेते है बार बार हम जीवन कि चाह को हम समजते है
जीवन की हर सोच पर फिर से हमने सोचा एक ओर तो हम कहते है थक चुके है जीवन से इतना कहने से भी उसे खोने कि हालात मे हम कितना डर जाते है
मन के अंदर कई तरह के खयाल होते है पर थके हुए जीवन को हम हर बार समजते है पर जब हम खो देगे इस खयाल से डरते है
तो उस जीवन को चाहते है यह कहने से क्यू कतराते है मुश्किल है पर इस जीवन मे उम्मीदों के तराने है बडा प्यारा है यह जीवन
जिसमे हर मोड पर अफसाने है जीवन को मन से अगर जियो तो हर मुश्किल के बाद तराने है हर बार जो हम जीवन को समजते है
तब हम समजे ऐसे सोच के नये फसाने है जिस जीवन को चाहते है हम जाने क्यू उसे ही मुसीबत कह देते है
जीवन कि है एक रित हमारी जिसे हम चाहते उससे ही कतराते है खो देने का कुछ ऐसा डर है मन को की जीने से ही डरता है
हर बार जब जब हम मन के अंदर कुछ सोच लेते है बार बार हम जीवन कि चाह को हम समजते है
जीवन की हर सोच पर फिर से हमने सोचा एक ओर तो हम कहते है थक चुके है जीवन से इतना कहने से भी उसे खोने कि हालात मे हम कितना डर जाते है
मन के अंदर कई तरह के खयाल होते है पर थके हुए जीवन को हम हर बार समजते है पर जब हम खो देगे इस खयाल से डरते है
तो उस जीवन को चाहते है यह कहने से क्यू कतराते है मुश्किल है पर इस जीवन मे उम्मीदों के तराने है बडा प्यारा है यह जीवन
जिसमे हर मोड पर अफसाने है जीवन को मन से अगर जियो तो हर मुश्किल के बाद तराने है हर बार जो हम जीवन को समजते है
तब हम समजे ऐसे सोच के नये फसाने है जिस जीवन को चाहते है हम जाने क्यू उसे ही मुसीबत कह देते है
जीवन कि है एक रित हमारी जिसे हम चाहते उससे ही कतराते है खो देने का कुछ ऐसा डर है मन को की जीने से ही डरता है
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