Thursday 27 August 2015

कविता १६०. सच्चाई की सच्ची कहानी

                                      सच्चाई की सच्ची कहानी
क्या कह दे के जीवन की एक दिलचस्प कहानी है बड़ी पुरानी  लेकिन बार बार दुहरानी है जो सीधा जाता है उसको हमेशा सुनानी है
सच्चाई हर बार जीतेगी यही जीवन की कहानी है जिस पल हम जीवन को समजे तब नयी शुरुवात सुनानी है उसे फिर से समजे वह जरुरी कहानी है
क्योंकि हर बार जो सुनते है पर फिर से डर जाते है क्योंकि झूठ की ताकद भी तो नयी नहीं काफ़ी पुरानी है कई जमानों से चलती आयी तूफ़ान की वह कहानी है
झूठ चोट तो देता है सीने मे जिसका दर्द हर बार सुना है कई लोगों के जुबानी यू की दोहरानी पड़ती यह जीत की कहानी जो मन को समजाये और लढना सीखाये यह इसकी मेहरबानी है
हमे दोहरानी ज़रूरी लगे यह ऐसी कहानी है हर पल जो सच्चाई दिखाये वह जीवन की कहानी है हम बार बार सुनते है वह जीवन की निशानी है
क्योंकि उस कहानी मे जीवन की निशानी है चाहे जीतना हम ना समजे पर सच्चाई तो कभी ना कभी जीवन मे जीत जानी ही है
कोई यह ना कहे की हमने नहीं बताई इसीलिए दोहरानी यह कहानी है जिसे हम जानते है जिसे हर कोई जानता है फिर भी हमे बतानी है यह जीवन की सच्ची कहानी है
सच्चाई तो वह ताकद है जो लगती हर बार सुहानी है पर तभी जब वह जीत जाती है तब बनती उम्मीदों की निशानी है पर तब तक सच्चाई एक मुश्किलसी कहानी है
पर फिर भी एक बात तो सच है के हर बार जीत से पहले मुसीबतें तो आनी है जिनको अगर समजलो तो ही सच्चाई जीत जानी है
पर हर बार अगर सब जानते है सच्चाई तो मन को भानी है तो क्यू झूठ की सुनते सब वह झूठी कहानी है सच्चाई आख़िरकार जीत ही हर बार जानी है यही सच्ची कहानी है

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