Tuesday 1 September 2015

कविता १७०. जीवन का बदलाव

                                       जीवन का बदलाव
सुहाने मौसम के हर पल घूमना मन को अच्छा लगता है हर मोड़ और हर राह को समजना जीवन में एक तोहफा लगता है
मौसम के अंदर का एहसास हमारे मन को जिन्दा रखता है जब जब हम समजे मन को उसमे कुछ प्यारासा ख्वाब दिखता है
हवा के हर रुख के साथ वह अपना जीवन बदलता है चाहे जितना तुम रोक दो पर जीवन तो आखिर मुड़ता रहता है
उसे हर पल जो परखो तो बदलाव भी अच्छा लगता है उस हर एक पल मे जीवन का मतलब दिख जाता है
जीवन मे बदलाव को समजो तो हमे वह जीवन दे जाता है बदलना तो जीवन का वह सच है वह जिन्दा कर देता है
हर मौसम को समजो तो जीवन नई शुरूवात दे जाता है बदलाव तो जीवन मे पत्थर की लकीर कहलाता है
बदलाव तो इस जीवन का एक हिस्सा हर पल कहलाता है चाहे जितना इन्कार करो पर वह जीवन मे होकर ही रहता है
बदलाव को कुछ ऐसा समजो मौसम संग बदलता है मौसम की वह हमेशा सही और हमे ग़लत साबित करता है
जीवन का बदलाव हम पर असर करता है मौसम की तरह हर पल जीवन मे उजियाला लाता है कितना भी ग़लत लगे पर बदलाव अच्छे के लिए होता है
जीवन के भीतर अलग अलग तरीक़े का असर अक्सर होता है पर पहले काला रंग के लगने से मौसम बारिश देता है उसी तरह से हर डरावना बदलाव भी ख़ुशियाँ देने लगा है

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