कहानी को दोहराना
जीवन में जो कहते है बात असर तो करतीं रही चाहे पुरानी हो या जीवन में बात नयी हो पर हर बार वह बात तो जीवन में हमारे लिए लगती है नयी क्योंकि उस वक्त हमने नये तरीक़े से है कही
चाहे कुछ भी हो जाये पर बात जीवन में असर करती रही क्योंकि हमारे लिए हर पल वह बात लगती है अनोखी और हर पल नयी जब कोई दोहराता है या कोई बात फिर से है कही
समज लेना ज़रूरी है जीवन में कि बात पुरानी नहीं होती जब हम फिर से उसे दोहराते है उसके अंदर नयी कहानी होती है जब जब हम आगे बढ़ते है हर पुरानी कहानी जिन्दा होती है
क्युकी जब दोहराते है तो वह पुरानी नहीं होती है जब जब कोई चीज जीवन में ले आते है तो जीवन की नयी कहानी बनती है नयी सोच भी बनती है
हम जीवन को तो समज लेते है उस बात से जीवन की नयी निशानी बनती है पुरानी कहानी में भी जीवन जिन्दा होता है और नयी निशानी देता है
अगर हम समजे जीवन को तो उस सोच में भी एक नयी कहानी बनती है हर सोच को अगर आप समजो तो जिसे आप दोहराते हो वह कभी पुरानी होती नहीं है
अगर सही सोच से आगे बढ़ना चाहो तो उसकी कोई निशानी पुरानी लगती नहीं वह हरकत तो लोग जीवन में अक्सर दोहराते रहते है तो फिर वह कहानी पुरानी बनती नहीं है
जीवन के हर मोड को आप समजो तो उस जीवन में कोई हरकत नयी लगती नहीं वही हरकत है जो पुश्तों मे सही थी तो कैसे बने कोई कहानी नयी इसीलिए कोई नयी कहानी बनती नहीं है
हर बार पुरानी जंग ही लढते है पर फिर भी उस जंग से बेहतर जंग कही भी दिखती नहीं है हर बार जो हम कुछ सही सोचे तो जीवन की सही कहानी बन जाती है
तो पुरानी कहानी को ही समजो क्युकी पुरानी कहानी जब नये मंच पे आये तो उस कहानी से बेहतर कहानी कभी दिखती और समजती नहीं है
जीवन में जो कहते है बात असर तो करतीं रही चाहे पुरानी हो या जीवन में बात नयी हो पर हर बार वह बात तो जीवन में हमारे लिए लगती है नयी क्योंकि उस वक्त हमने नये तरीक़े से है कही
चाहे कुछ भी हो जाये पर बात जीवन में असर करती रही क्योंकि हमारे लिए हर पल वह बात लगती है अनोखी और हर पल नयी जब कोई दोहराता है या कोई बात फिर से है कही
समज लेना ज़रूरी है जीवन में कि बात पुरानी नहीं होती जब हम फिर से उसे दोहराते है उसके अंदर नयी कहानी होती है जब जब हम आगे बढ़ते है हर पुरानी कहानी जिन्दा होती है
क्युकी जब दोहराते है तो वह पुरानी नहीं होती है जब जब कोई चीज जीवन में ले आते है तो जीवन की नयी कहानी बनती है नयी सोच भी बनती है
हम जीवन को तो समज लेते है उस बात से जीवन की नयी निशानी बनती है पुरानी कहानी में भी जीवन जिन्दा होता है और नयी निशानी देता है
अगर हम समजे जीवन को तो उस सोच में भी एक नयी कहानी बनती है हर सोच को अगर आप समजो तो जिसे आप दोहराते हो वह कभी पुरानी होती नहीं है
अगर सही सोच से आगे बढ़ना चाहो तो उसकी कोई निशानी पुरानी लगती नहीं वह हरकत तो लोग जीवन में अक्सर दोहराते रहते है तो फिर वह कहानी पुरानी बनती नहीं है
जीवन के हर मोड को आप समजो तो उस जीवन में कोई हरकत नयी लगती नहीं वही हरकत है जो पुश्तों मे सही थी तो कैसे बने कोई कहानी नयी इसीलिए कोई नयी कहानी बनती नहीं है
हर बार पुरानी जंग ही लढते है पर फिर भी उस जंग से बेहतर जंग कही भी दिखती नहीं है हर बार जो हम कुछ सही सोचे तो जीवन की सही कहानी बन जाती है
तो पुरानी कहानी को ही समजो क्युकी पुरानी कहानी जब नये मंच पे आये तो उस कहानी से बेहतर कहानी कभी दिखती और समजती नहीं है
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